विफलता को छुपाने के लिए हर योजना पर राजनीति करने की कांग्रेस को छोड़नी पड़ेगी आदत : शेखावत

राजस्थान नहर परियोजना पर काम होगा

विफलता को छुपाने के लिए हर योजना पर राजनीति करने की कांग्रेस को छोड़नी पड़ेगी आदत : शेखावत

ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट को लेकर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर पलटवार करते हुए कहा कि अपनी विफलता को छुपाने के लिए हर योजना पर राजनीति करने की आदत कांग्रेस को छोड़नी पड़ेगी, नहीं तो राजनीति उन्हें छोड़ देगी।

जयपुर। ईस्टर्न राजस्थान कैनाल प्रोजेक्ट को लेकर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर पलटवार करते हुए कहा कि अपनी विफलता को छुपाने के लिए हर योजना पर राजनीति करने की आदत कांग्रेस को छोड़नी पड़ेगी, नहीं तो राजनीति उन्हें छोड़ देगी। शेखावत ने कहा कि आमजन की भावनाओं का इस्तेमाल कर, सिर्फ राजनीतिक फायदों के लिए मांग उठाने वाले ये याद रखें कि ये मोदी सरकार है। हम जो कहते हैं, वो करते हैं। पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना पर काम होगा और केंद्र सरकार उसे पूरा करने के लिए कटिबद्ध है, लेकिन राजस्थान की गहलोत सरकार को अपनी भूमिका निभानी पड़ेगी। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के ट्वीट्स को टैग करते हुए केंद्रीय मंत्री शेखावत ने सिलसिलेवार ट्वीट किए। उन्होंने कहा कि पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना पर राजनीति करने के लक्ष्य से गहलोत सरकार के मंत्री और स्वयं मुख्यमंत्री का जो व्यवहार है, उसे किसी भी सूरत में सामान्य नहीं कहा जा सकता। शेखावत ने कहा कि जयपुर में आयोजित जल जीवन मिशन की क्षेत्रीय कार्यशाला के साथ मैंने ईआरसीपी, जवाई पुनर्भरण, यमुना जल और राजस्थान के अन्य अंतर्राज्यीय विषयों को लेकर बैठक बुलाई थी, लेकिन मुख्यमंत्री और मंत्री, दोनों ने एक ही पत्र के माध्यम से अपने आने की असमर्थता व्यक्त कर दी। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि राजस्थान से जुड़ी इन योजनाओं के लिए इनकी कितनी गंभीरता है, यह इसी से स्पष्ट होती है।

शेखावत ने कहा कि ईआरसीपी को लेकर प्रधानमंत्री पर वादा-खिलाफी का आरोप मुख्यमंत्री और उनके सिपहसालार लगाते रहते हैं। प्रधानमंत्री ने अपने वक्तव्यों में परियोजना के लिए तकनीकी मूल्यांकन के पश्चात संवेदनशीलता के साथ विचार करने जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया है। अपने किसी भी वक्तव्य में उन्होंने इसे राष्ट्रीय परियोजना की श्रेणी देने का वादा करने की बात नहीं की है। केंद्रीय मंत्री शेखावत ने आगे कहा कि देश के विकास कार्यों से जुड़ी हर एक परियोजना पर क्रमवार तरीके से काम होता है। आशा है कि मुख्यमंत्री ये भली-भांति जानते होंगे कि इस परियोजना की भी टेकनिकल अप्रेजल व स्वीकृति तथा अंतर्राज्यीय सहमति के बाद ही राष्ट्रीय परियोजना की श्रेणी दी जा सकती है। भारत सरकार के जलशक्ति मंत्रालय ने इसके लिए दस से अधिक बार मध्य प्रदेश और राजस्थान के अधिकारियों के बीच सहमति बनाने के लिए बैठकें आयोजित की हैं।

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