ऑफिशियल शटडाउन के नाम पर हो सकती है बिजली की कटौती

मौसम ने भी अपना असर दिखाना शुरू कर दिया

ऑफिशियल शटडाउन के नाम पर हो सकती है बिजली की कटौती

प्रदेश में अगले एक महीने में बिजली संकट और गहरा सकता है। इसके चलते ऑफिशियल शटडाउन के नाम पर बिजली कटौती भी की जा सकती है।

जयपुर। प्रदेश में अगले एक महीने में बिजली संकट और गहरा सकता है। इसके चलते ऑफिशियल शटडाउन के नाम पर बिजली कटौती भी की जा सकती है। मौसम ने भी अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है, इससे बिजली की खपत पिछली बार से ज्यादा होगी। गर्मी के मौसम में रोजाना बिजली की खपत 2500 लाख यूनिट से ज्यादा पहुंच गई है। राज्य में पांच पावर यूनिट्स अभी बंद हैं, जिनमें 1970 मेगावाट बिजली उत्पन्न होती है। प्रदेश में पिछले कुछ महीनों से अघोषित बिजली कटौती जारी है। कोयला की पूरी सप्लाई नहीं होने के कारण बिजली संकट के दौर से गुजर रहे राजस्थान को केन्द्र सरकार के बाद छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार से परसा कोल ब्लॉक माइंस से खनन क्लीयरेंस तो मिल गई, लेकिन खान से कोयला निकालकर प्रोडक्शन वर्क और सप्लाई शुरू कर प्लांट्स तक पहुंचाने में महीने भर का समय और लगेगा। मई के दूसरे पखवाड़े से पहले परसा कोल ब्लॉक की नई खान से कोयला मिलने की संभावना नहीं है। तब तक राजस्थान में कोयला संकट और पावर कट की समस्या बनी रहने की आशंका है।

डिमांड 25 फीसदी से ज्यादा बढ़ी
प्रदेश में कभी भी ऑफिशियल शटडाउन के नाम पर बिजली कटौती के आदेश जारी हो सकते हैं, क्योंकि तेज गर्मी और लू के कारण एसी, कूलर, पंखे, कूलिंग प्लांट्स और सिंचाई के लिए भी बिजली की डिमांड 25 फीसदी से ज्यादा बढ़ी है। मार्च अंत से अप्रैल के पहले हफ्ते तक यह बढ़ोतरी दर्ज हुई है। बिजली का कन्जम्पशन लगातार बढ़ रहा है, जिससे ट्रिपिंग के मामले भी बढ़े हैं। ऐसे में 6 से 8 घंटे की बिजली कटौती ग्रामीण और कस्बाई इलाके में हो सकती है ताकि डिमांड और उपलब्धता को मेंटेन किया जा सके।

पिछले साल से ज्यादा होगी खपत
राज्य में मार्च से शुरू हुई तेज गर्मी अप्रैल में जिस तरह लू में बदली है और झुलसा रही है। इससे अंदेशा है कि इस बार बिजली की खपत का आंकड़ा ज्यादा होगा। बीते साल बिजली की रोजाना औसत खपत 1990 लाख यूनिट थी, लेकिन मौजूदा वक्त में प्रतिदिन खपत 2500 लाख यूनिट तक पहुंच चुकी है। ट्रांसफार्मर और लाइनों पर ज्यादा लोड पड़ने से ट्रिपिंग और फाल्ट के मामले में भी सामने आने लगे हैं। जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, कोटा, अजमेर, बीकानेर, सीकर, झुंझुनूं, टोंक, दौसा, करौली, धौलपुर, अलवर, भरतपुर, भीलवाड़ा, पाली और गंगानगर समेत कई जिलों में अघोषित बिजली कटौती या फाल्ट के मामले आने शुरू हो गए हैं। पीक आवर्स के अलावा दोपहर में भी बत्ती गुल हो रही है।

5 यूनिट्स में प्रोडक्शन ठप
राजस्थान विद्युत उत्पादन निगम 5 यूनिट में बिजली प्रोडक्शन बंद है, जिनमें से ज्यादातर में टेक्नीकल कारणों के चलते शटडाउन बताया जा रहा है। सूरतगढ़ थर्मल पावर प्लांट में 660 मेगावाट की सुपर क्रिटिकल यूनिट और 250 मेगावाट की यूनिट, कालीसिंध पावर प्लांट की 600 मेगावाट यूनिट, कोटा थर्मल पावर प्लांट की 210 मेगावाट यूनिट और छबड़ा थर्मल पावर प्लांट की 250 मेगावाट की यूनिट से बिजली प्रोडक्शन ठप है। छबड़ा में हुए एक्सीडेंट के बाद से यूनिट ठप है।

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