रिफाइनरी पर अब तक 15,225 करोड़ खर्च
43 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है
रिफाइनरी प्रोजेक्ट का अब तक 43 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है। करीब 43,129 करोड़ लागत की परियोजना पर अब तक 15,225 करोड़ रुपए खर्च हो चुके है।
जयपुर। रिफाइनरी प्रोजेक्ट का अब तक 43 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है। करीब 43,129 करोड़ लागत की परियोजना पर अब तक 15,225 करोड़ रुपए खर्च हो चुके है। नौ प्रमुख रिफाइनरी यूनिट्स में से 6 यूनिट्स का कार्य मार्च 2023 तक पूरा हो जाएगा। रिफाइनरी एवं पेट्रो-केमिकल कॉम्प्लेक्स निर्माण का कार्य साथ-साथ किया जा रहा है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रिफाइनरी की प्रगति की समीक्षा की, जिसमें यह सामने आया। सीएम ने कहा कि पचपदरा (बाड़मेर) में रिफाइनरी के साथ ही बन रहे पेट्रो-केमिकल कॉम्प्लेक्स से राजस्थान पेट्रोलियम आधारित उद्योगों के हब के रूप में विकसित होगा और यहां बड़ी मात्रा में रोजगार पैदा होंगे। यहां न सिर्फ तेल निकलेगा, बल्कि इसके साथ-साथ पेट्रोलियम बाय-प्रोडक्ट्स भी निकलेंगे, जिससे प्रदेश में निवेश आएगा और विभिन्न उद्योगों के लिए अपार संभावनाएं पैदा होंगी।
इंटर-डिपार्टमेंटल वर्किंग गु्रप बनेगा: सीएम ने कहा कि परियोजना से जुड़े सभी विभागों एवं एचपीसीएल के अधिकारियों को साथ लेकर एक इंटर-डिपार्टमेंटल वर्किंग गु्रप बनाया जाए ताकि रिफाइनरी के साथ पेट्रो-केमिकल कॉम्प्लेक्स से संबंधित मुद्दों को समय पर हल किया जा सके। उन्होंने निवेशकों में भरोसा कायम करने की दिशा में समुचित कदम उठाने, पचपदरा व बालोतरा में नगरीय विकास की संभावनाओं को देखते हुए कार्य योजना बनाने, स्थानीय युवाओं को प्रशिक्षण देने एवं रिफाइनरी के बाय-प्रोडक्ट्स के बारे में अधिक से अधिक जानकारी आमजन तक पहुंचाने के निर्देश दिए। बैठक में खान एवं पेट्रोलियम मंत्री प्रमोद जैन भाया भी मौजूद रहे। प्रोजेक्ट में करीब 20 हजार को रोजगार मिला: एचपीसीएल के सीएमडी एम के सुराणा ने बताया कि 9 प्रमुख रिफाइनरी यूनिट्स में से 6 यूनिट्स का कार्य मार्च, 2023 तक पूरा हो जाएगा। प्रोजेक्ट में करीब 20 हजार लोग रोजगार पर लगे हुए हैं। 300 किलोमीटर क्षेत्र को कवर करने वाले पेट्रो-केमिकल कॉम्प्लेक्स में ग्रीन बेल्ट विकसित किया जा रहा है। रिफाइनरी के पास टाउनशिप, स्कूल एवं हॉस्पिटल बिल्डिंग भी बनाई जाएगी।
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