2.5 लाख करोड़ खर्च के बावजूद नहीं बढ़ी ट्रेनों की रफ्तार
योजना पर काम करने का दावा कर रहा है
रेल मंत्रालय आने वाले दिनों में ट्रेनों की रफ्तार 140 किलो मीटर प्रतिघंटा से संचालित करने की योजना पर काम करने का दावा कर रहा है, लेकिन महालेखा व नियंत्रक ने अपनी रिपोर्ट में कहा हैं, कि रेलवे द्वारा रेलवे ट्रेक से जुड़े बुनियादी ढांचे में वित्त वर्ष 2008-2019 के दौरान 2.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने के बावजूद रेलवे अपनी परिवहन व्यवस्था के परिणाम सुधारने में विफल रहा है।
जोधपुर। रेल मंत्रालय आने वाले दिनों में ट्रेनों की रफ्तार 140 किलो मीटर प्रतिघंटा से संचालित करने की योजना पर काम करने का दावा कर रहा है, लेकिन महालेखा व नियंत्रक ने अपनी रिपोर्ट में कहा हैं, कि रेलवे द्वारा रेलवे ट्रेक से जुड़े बुनियादी ढांचे में वित्त वर्ष 2008-2019 के दौरान 2.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने के बावजूद रेलवे अपनी परिवहन व्यवस्था के परिणाम सुधारने में विफल रहा है। नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक कैग की ओर से दी रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है।
रिपोर्ट में बताया कि रेलवे की मिशन रफ्तार योजना भी ट्रेनों की गति बढ़ाने में विफल रही है। रिपोर्ट के अनुसार भारतीय रेलवे ने ट्रैक को बेहतर बनाने के लिए संबंधित ढांचे में 2.5 लाख करोड़ का निवेश किया,लेकिन परिणाम आशातीत नहीं आया है। 201-22 तक मेल एक्सप्रेस की औसत गति 50 किलो मीटर व मालगाड़ियों की 75 किलोमीटर करने का लक्ष्य था, लेकिन मेल एक्सप्रेस और मालगाड़ियों की औसत रफ्तार वर्ष 2019-20 में 50.6 व मालगाडी की 23.6 किलोमीटर प्रति घंटा ही रही।
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