जनता ने शिकायत की तो भड़के चिकित्सा प्रभारी

प्रभारी बोले लापरवाही भरे बोल- करवा दो एपीओ नही संभाल सकता हिंडोली अस्पताल

जनता ने शिकायत की तो भड़के चिकित्सा प्रभारी

ब्लॉक के सबसे बड़े हिंडोली अस्पताल में चिकित्सा व्यवस्था बेपटरी हो चुकी है। इसकी शिकायत सीएचसी प्रभारी डॉक्टर बद्री विशाल मूंदड़ा से की तो सवाल पूछने पर भड़कते हुए बोले कि मेरी शिकायत करके एपीओ करवादो में आपकी हिंडोली का अस्पताल नही संभाल सकता।

हिंडोली।  ब्लॉक के सबसे बड़े हिंडोली अस्पताल में चिकित्सा व्यवस्था बेपटरी हो चुकी है। अव्यवस्थाओं के होने से अस्पताल खुद वेंटिलेटर पर पड़ा नजर आता है। अस्पताल परिसर में व्याप्त अव्यवस्थाओं की शिकायत पर जब संघर्ष समिति के सदस्यों ने अस्पताल परिसर का निरीक्षण किया तो हालात बिल्कुल उलट मिले। मौसमी बीमारियों के सीजन में ओपीडी काउंटर पर लगी भीड़ लग रही थी। वही चिकित्सकों के लिए आवंटित रूम खाली पड़े हुए थे। चिकित्सा प्रभारी कक्ष में एक ही कमरे में बैठकर तीन डॉक्टर मरीजों को देख रहे थे। एमरजेंसी कक्ष में कोई नही था। निगरानी कक्ष,टीकाकरण कक्ष,प्लास्टर कक्ष खाली पड़े हुए थे। मरीज उनको देखकर जा रहे थे। मरीज डॉक्टर की लिखी पर्चियां लेकर घूमते नजर आए। मरीजों के लिए भरी गर्मी के मौसम में कूलिंग की कोई व्यवस्था नही थी। लेकिन कोई उनको बताने वाला नही था कि इलाज कहां होगा।

 चिकित्सा प्रभारी से की शिकायत तो बोले करवादो एपीओ नही संभाल सकता आपका अस्पताल
संघर्ष समिति के सदस्यों विक्रम सिंह हाड़ा,धर्मेंद्र सुवालका,चांद सिंह,जितेंद्र सिंह ने जब इसकी शिकायत सीएचसी प्रभारी डॉक्टर बद्री विशाल मूंदड़ा से की तो सवाल पूछने पर भड़कते हुए बोले कि मेरी शिकायत करके एपीओ करवादो में आपकी हिंडोली का अस्पताल नही संभाल सकता। इस पर कस्बेवासियों कहा कि नही संभाल सकते तो घर बैठे। चिकित्सा परिसर की व्यवस्थाओं की जिम्मेदारी चिकित्सा प्रभारी की होती है।

इलाज के नाम पर सीधा बूंदी रैफर करना,नतीजा अधिकतर मरीजों की मौत बीच रास्ते पर
हिंडोली अस्पताल हाइवे 148 डी व नेशनल हाइवे 52 के मध्य में होने से अधिकतर दुर्घटनाओं के मामले हिंडोली अस्पताल में आते है। ऐसे में उनका इलाज करने की जगह प्राथमिक खानापूर्ति करके सीधा बूंदी रैफर किया जाता है। चाहे छोटी सी दुर्घटना हो या बड़ा हादसा मरीज को देखे बगैर ही बूंदी जिला अस्पताल का रैफर केस बना दिया जाता है। इसके कारण अधिकतर मरीज बीच रास्ते मे ही दम तोड़ देते है।

मरीज पर्चियां लेकर घुम रहे,एमरजेंसी व अन्य कमरे खाली है। एक ही रूम में बैठकर तीन डॉक्टर मरीजों को देख रहे है। रात्रि ड्यूटी वाले पलंग पर सोते रहते है। मरीजों की उचित देखभाल नही हो रही है।
विक्रम सिंह हाड़ा - संघर्ष समिति संयोजक

अस्पताल में मरीजों की सुनवाई नही हो रही है। चिकित्सक मनमर्जी कर रहे है। चिकित्सा व्यवस्था पटरी से उतर चुकी है। डॉक्टर धमकी भरी भाषा का इस्तेमाल कर रहे है।
महावीर सैनी - ग्राम रक्षक हिंडोली

मेरी शिकायत करके मुझे एपीओ करवादो,मुझसे अस्पताल संभल नही रहा है।
बद्री विशाल मूंदड़ा - चिकित्सा प्रभारी हिंडोली सीएचसी

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