फसलों को निराश्रित पशुओं से बचाने के लिए तारबंदी योजना, किसानों को दे रही है राहत
फसलों को निराश्रित पशुओं से बचाने के लिए तारबंदी योजना, किसानों को दे रही है राहत
उनके खेतों में खड़ी फसलों का नील गाय, निराश्रित पशु व जंगली जानवरों से होने वाले नुकसान से बचाव हो रहा है। इससे किसानों के फसल उत्पादन में तो वृद्धि होने के साथ ही उनकी आय में भी बढ़ोतरी हुई है।
जयपुर। प्रदेश के किसानों को उनकी फसलों को निराश्रित पशुओं से बचाने एवं किसानों को समृद्ध बनाने के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत राज्य सरकार ने तारबंदी योजना शुरू की थी। इस योजना में किसानों को 48 हजार रुपए तक का अनुदान दिया जा रहा है। योजना की महत्ता व कृषकों की रूचि को देखते हुए केन्द्रीय प्रवर्तित योजनाओं के साथ साथ राज्य सरकार के स्तर से वृृहत स्तर पर तारबंदी कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है। योजना के तहत खेतों की निराश्रित जानवरों व नीलगाय से सुरक्षा के लिए राज्य सरकार ने तारबंदी पर अनुदान देने की अपूर्व पहल की गई है। इस योजना का लाभ लेकर किसान अपने खेतों में तारबंदी कर रहे हैं, जिससे उनके खेतों में खड़ी फसलों का नील गाय, निराश्रित पशु व जंगली जानवरों से होने वाले नुकसान से बचाव हो रहा है। इससे किसानों के फसल उत्पादन में तो वृद्धि होने के साथ ही उनकी आय में भी बढ़ोतरी हुई है।
डेढ़ हैक्टेयर कृषि भूमि का एक ही स्थान पर होना आवश्यक
किसान के पास न्यूनतम डेढ़ हैक्टेयर कृषि भूमि का एक ही स्थान पर होना आवश्यक है। इससे कम भूमि होने पर भी राज्य सरकार द्वारा दो या दो से अधिक किसानों के कृषक समूह, जिनके पास डेढ़ हैक्टेयर या अधिक भूमि हो, को योजना का लाभ देने का प्रावधान है। अनुसूचित जनजाति क्षेत्रों में जोत का आकार कम होने के कारण न्यूनतम 0.5 हैक्टेयर भूमि एक ही स्थान पर होना आवश्यक है।
कृषकों के लिए ऑनलाइन आवेदन की सुविधा
तारबंदी में आवेदन की प्रक्रिया पूर्ण रूप से आॅनलाइन है। इसमें किसान लाभ लेने के लिए राज किसान साथी पोर्टल पर जनआधार के माध्यम से अथवा ई मित्र पर जाकर आवेदन कर सकते हैं। योजना का फायदा उठाने के लिए किसान के पास जमाबंदी 6 माह से पुरानी न हो, तारबंदी करवाए जाने वाले खेत का नक्शा, जनआधार कार्ड और आधार कार्ड होना चाहिए।
लघु एवं सीमांत कृषकों के लिए 60 प्रतिशत तक अनुदान
योजना के अंतर्गत खेतों में 400 रनिंग मीटर तारबंदी के लिए लघु एवं सीमांत कृषकों को राज्य सरकार ने इकाई लागत का 60 प्रतिशत या अधिकतम 48 हजार रुपए जो भी कम हो, देय है। वहीं अन्य कृषकों के लिए इकाई लागत का 50 प्रतिशत या अधिकतम 40 हजार रुपए जो भी कम हो का अनुदान दिया जा रहा है। सामुदायिक आवेदन में 10 या अधिक कृषकों के समूह में न्यूनतम 5 हैक्टेयर में तारबंदी किए जाने पर इकाई लागत का 70 प्रतिशत या अधिकतम 56 हजार रुपए प्रति कृषक 400 मीटर तक का अनुदान दिया जा रहा है।
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