घर का पूत कुंवारा डोले पाड़ोसियां का फेरा

कम रकबे के कारण क्षेत्र में हुई भूसे की किल्लत, बाहर बिकने जा रहा भूसा

घर का पूत कुंवारा डोले पाड़ोसियां का फेरा

घर का पूत कुंवारा डोले पाडोसियां का फेरा पशु पालकों के लगभग ऐसा ही हो रहा है। खुद के पशुओं के लिए तो चारा नहीं है और जो चारा उपलब्ध है उसे बाहर भेजा जा रहा है।

सुल्तानपुर। घर का पूत कुंवारा डोले पाडोसियां का फेरा पशु पालकों के लगभग ऐसा ही हो रहा है। खुद के पशुओं के लिए तो चारा नहीं है और जो चारा उपलब्ध है  उसे बाहर भेजा जा रहा है। नगर सहित क्षेत्र में हजारों दुधारू पशुओं के लिए पशुपालकों को भूसा नहीं मिलने के कारण चिंता सताने लगी है।

क्षेत्र में इस वर्ष गेहूं का रकबा कम होने के कारण गेहूं के अवशेषों से बनने वाले भूसे को बाहर बेचा जा रहा है। प्रतिदिन दर्जनों वाहनों से भूसे को अन्य जगहों पर भेजा जा रहा है। दूसरी तरफ भूसे की कमी के कारण पशु पालकों को अपने पशुओं के पेट भरने की चिंता सताने लगी है। गत वर्ष मार्च और अप्रैल में बेमौसम बारिश के कारण रबी फसलें खेतों में ही बर्बाद हो गई थी। बची हुई फसलों को किसानों ने हार्वेस्टर मशीन से कटवा लिया। ओलावृष्टि से अछूते रहे इलाकों में ही ज्यादातर किसानों ने गेहूं की फसल क्रेशर से तैयार की थी। इसी वजह से आने वाले दिनों में पशुओं के लिए चारे की किल्लत होना स्वाभाविक बात है। भूसा व्यवसायी इसी बात को ध्यान में रखते हुए सक्रिय हो गए हैं। वह अभी से ही माल का भंडारण करने लग गए हैं। जिससे बाद में मोटी रकम कमाई जा सके। क्षेत्र के गांवों से प्रतिदिन 2 दर्जन से अधिक पिकअप, ट्रैक्टर-ट्रॉली ओवरलोड भर कर अन्य राज्यों में जा रहे हैं। सीमाओं पर स्थाई चेकिंग प्वाइंट नहीं होने से  व्यापारियों का काम और भी आसान हो रहा है। पशु मालिक जगदीश गोत्तम गोविंद शर्मा आदि का कहना है कि क्षेत्र के खेतों से भूसे को बेरोकटोक बाहर ले जाया जा रहा है।

दोगुने हुए भूसे के दाम
पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष दोगुने भाव में भूसा बिक रहा है। जिस से पशुपालकों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। भूसा कम होने के कारण भाव भी लगातार बढ़ता ही जा रहा है। पिछली बार दो से तीन हजार रुपए में भूसे की ट्रॉली मिल जाया करती थी। वहीं इस वर्ष 5000 रुपए तक भूसे की ट्रॉली बिक रही है। अगर भूसे की कीमत ऐसे ही बढ़ती रही तो आने वाले दिनों में 7000 रुपए तक भी भूसे की ट्रॉली बिक सकती है।

खड़ी नौलाइयों की भी लग रही कीमत
किसानों को अच्छी कीमत मिलने के कारण वे अपनी जरूरत के अनुसार स्टॉक के बाद शेष भूसा व्यापारियों को बेच रहे हैं। कई किसानों ने तो खड़ी हुई नौलाइयों को ही बेचना शुरू कर दिया है।

गौशालाओं में भी चारे की किल्लत
सुल्तानपुर नगर की श्रीगोपाल गौशाला में भी वर्तमान में चारे का संकट देखने को मिल रहा है। वर्तमान में अन्य वर्षो की तुलना में इस वर्ष दानदाताओं द्वारा चारा नहीं भिजवाया गया है। 

क्षेत्र में किसान खेतों में फसल कटने के बाद शेष बची नौलाइयों को बेच रहे हैं। बाहर के व्यापारी उसका भूसा बनाकर अन्य राज्यों में सप्लाई कर रहे हैं। जिसके चलते गौशाला में चारे की किल्लत पैदा हो रही है। 
-रमेश खंडेलवाल, महामंत्री, गौशाला समिति 

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