एसीपी और डीसीपी बनकर की ठगी

वारंट पर लेने के लिए टीम रवाना हो गई है

एसीपी और डीसीपी बनकर की ठगी

कमिश्नरेट इलाके के पश्चिम जिले में एक शातिर ठग ने सीआई सदर, एसीपी सदर और डीसीपी पश्चिम बनकर एक व्यक्ति से मदद मांगने के नाम पर 17.75 लाख रुपए की ठगी कर ली।

जयपुर। कमिश्नरेट इलाके के पश्चिम जिले में एक शातिर ठग ने सीआई सदर, एसीपी सदर और डीसीपी पश्चिम बनकर एक व्यक्ति से मदद मांगने के नाम पर 17.75 लाख रुपए की ठगी कर ली। पीड़ित ने जब अधिकारियों से बात की तो खुद के साथ हुई ठगी का पता चला। इसके बाद पुलिस सक्रिय हुई और गंगानगर पुलिस ने ठग को पाली से गिरफ्तार कर लिया। जयपुर के सदर थाने में दर्ज ठगी के 17.75 लाख रुपए के मामले में अब आरोपी को प्रोडक्शन वारंट पर लेने के लिए टीम रवाना हो गई है। गिरफ्तार आरोपी सुरेश कुमार मारवाड़ क्षेत्र में ठगी का मास्टर माइंड है और कॉल स्पूफिंग के जरिए ठगी करता है। पुलिस ने बताया कि बनीपार्क निवासी उमेश अग्रवाल ने रिपोर्ट दी थी कि उसके यहां पर शिवालक्ष्मी निवासी नेपाल साफ-सफाई का काम करती थी। उसने मेरे घर पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। सूचना पर पुलिस ने आवश्यक कार्रवाई की थी।

ऐसे की थी ठगी
पीड़ित उमेश अग्रवाल की रिपोर्ट के मुताबिक उसके मोबाइल पर एक कॉल आई, जिसमें फोनकर्ता ने खुद को डिप्टी एसपी सदर बताया और कहा कि हमारे सीनियर अधिकारी की तबियत ज्यादा खराब है, जिनका इलाज मुंबई में चल रहा है। आप 20 लाख रुपयों की व्यवस्था कर दो। तब पीड़ित ने इतना कैश न होने की असमर्थता जताई। बाद में मैंने अपने दोस्त प्रतीक को फोन कर छह लाख रुपए डिप्टी एसपी सदर के बताए अनुसार असलम के खाते में डलवा दिए। फिर से पीड़ित के पास डिप्टी एसपी के नम्बरों से फोन आया और कहा कि आप कैश की व्यवस्था नहीं कर सकते, तो खाते में डलवा दीजिए। हम जयपुर में आकर रुपए लौटा देंगे। तब अफरोज मनीहार के खाते में चार लाख रुपए डलवा दिए। फिर सदर थानाप्रभारी पृथ्वीपाल सिंह बनकर फोन आया और कहा कि साहब को छुट्टी दिलवानी है, उसने नेपाली महिला के आत्महत्या करने का भी जिक्र किया और मुकेश नाम के व्यक्ति के खाते में पांच लाख रुपए डालने को कहा। इस पर मैंने आरटीजीएस के जरिए खाते में रुपए डाल दिए। इसके बाद ठग ने फोन कर कहा कि डीसीपी मैम ने कहा है कि कुछ लोग नेपाली महिला के आत्महत्या करने के मामले में थाने पर आकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इनकी कुछ मदद करवा दो। इसके बाद पृथ्वीपाल सिंह के नम्बर से व्हाट्सअप कॉल आया और कहा कि 2.75 लाख रुपए जमा करवा दो, बाद में हम रुपए दे देंगे। फिर पीड़ित ने बताए खाते में 2.75 लाख रुपए जमा करवा दिए। इसके बाद फिर से फोन आया। थानाप्रभारी पृथ्वीपाल सिंह पीड़ित को दुर्गा मार्ग पर मिले और जब उनसे रुपए देने के लिए कहा तब ठगी का पता चला। इस तरह से कुल 17.75 लाख रुपए की ठगी की गई थी।

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