गागरोन की आहू नदी पर बनेगा हाई लेवल ब्रिज

बारिश के दिनों में एक दर्जन गांव बन जाते हैं टापू , पुलिया निर्माण के लिए विभाग को मिला 22 करोड़ का बजट

गागरोन की आहू नदी पर बनेगा हाई लेवल ब्रिज

झालावाड़ और गागरोन के मध्य पड़ने वाली आहू नदी पर हाई लेवल पुलिया अब शीघ्र ही बनने वाली है, जिसको लेकर लोगों में खुशी है। सार्वजनिक निर्माण विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार पुलिया के लिए सरकार ने घोषणा की थी तथा 22 करोड़ का बजट भी विभाग को मिल गया है, साथ ही विभाग ने तुरंत पुलिया के लिए टेंडर प्रक्रिया भी शुरू कर दी है।

झालावाड़।   झालावाड़ और गागरोन के मध्य पड़ने वाली आहू नदी पर हाई लेवल पुलिया अब शीघ्र ही बनने वाली है, जिसको लेकर लोगों में खुशी है। सार्वजनिक निर्माण विभाग से प्राप्त जानकारी अनुसार पुलिया के लिए सरकार ने घोषणा की थी तथा 22 करोड़ का बजट भी विभाग को मिल गया है, साथ ही विभाग ने तुरंत पुलिया के लिए टेंडर प्रक्रिया भी शुरू कर दी है, पुलिया का टेंडर जारी कर दिया गया है, ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि शीघ्र ही इस पुलिया का निर्माण शुरू होगा और झालावाड़ गागरोन की राह सुगम हो सकेगी। साथ ही बारिश के दिनों में टापू बनने वाले लगभग एक दर्जन गांवों के लोगों को भी काफी राहत मिलेगी।

मुकंंदरा टाइगर रिजर्व की राह होगी आसान
मुकुंदरा टाइगर रिजर्व बनाया जा चुका है, जिसमें एक बार बाघ भी छोड़ दिए गए थे तथा अब दोबारा से बाघ छोड़ने की तैयारी की जा रही है। वही मुकुंदरा टाइगर रिजर्व का एक गेट गागरोन के बिल्कुल समीप स्थित है जहां से टाइगर सफारी का लुत्फ उठाने के लिए काफी लोगों के टाइगर रिजर्व में प्रवेश करने की उम्मीद है, ऐसे में यह चिंता लोगों को सता रही थी कि बारिश के लगभग 4 महीनों तक गागरोन तक पहुंचना काफी कठिन काम हो जाता है दोनों तरफ से नदियां रास्ता रोके रहती हैं, ऐसे में इस प्रकार से टाइगर रिजर्व की राह आसान होगी, किंतु पुलिया का निर्माण होने से गागरोन की राह बेहद आसान हो जाएगी और गागरोन क्षेत्र झालावाड़ शहर से ही जुड़ जाएगा।

विश्व विरासत गागरोन दुर्ग तथा सूफी संत मिठे शाह की दरगाह पर पूरे वर्ष पहुंचेंगे पर्यटक
झालावाड़ के गागरोन में दो प्रमुख स्थान ऐसे हैं जहां पर देश के दूरदराज इलाकों से पर्यटक काफी बड़ी तादात में पहुंचते हैं, जिनमें से एक प्रसिद्ध विश्व विरासत में शामिल गागरोन का जलदुर्ग है तो वहीं गागरोन में ही सूफी संत मिट्ठे शाह की प्रसिद्ध दरगाह भी स्थित है। दरगाह पर वर्षा के दौरान और पूरे वर्ष भर हजारों की तादात में जायरीन आते हैं तथा गागरोन के जलदुर्ग को निहारने भी पूरे वर्ष ही पर्यटकों का आना लगा रहता है, किंतु बरसात के 4 महीनों में पहुंच मार्ग अधिकांश समय बंद रहने के चलते लोग यहां आने से कतराते हैं। अब जबकि पुलिया का निर्माण हो रहा है तो पूरे वर्ष भर लोग इन दोनों स्थानों पर पहुंच पाएंगे तथा विश्व विरासत जलदुर्ग की सुंदरता को कालीसिंध और आहू नदी के संगम स्थल से वर्षा काल में भी लोग निहार सकेंगे। गागरोन मार्ग पर उच्चस्तरीय पुलिया नहीं होने के चलते अब तक वर्षा काल में कालीसिंध और आहू नदी में जरा सा भी उफान आते ही लगभग एक दर्जन गांव टापू में तब्दील हो जाते थे।  वहां के लोगों तक ना तो चिकित्सा सुविधाएं पहुंच पाती थी ना ही अन्य सुविधाएं, कई कई दफा तो 1 हफ्ते से लेकर 10 दिनों तक भी यह मार्ग बंद रहता था, ऐसे में लोग काफी परेशान हो जाया करते थे। जानकारी के लिए आपको बता दें कि गागरोन को अन्य भूभाग से जोड़ने वाले रास्तों पर दोनों तरफ नदियां पड़ती है, जिनमें एक तरफ कालीसिंध तो एक तरफ आहू नदी है, दोनों ही नदियों पर पुराने जमाने की छोटी पुलिया हैं जो जरा से पानी में ही डूब जाती है। ऐसे में नदी में हल्का सा उफान आने पर भी संपर्क कट जाता था। तेज बारिश होने पर या मध्य प्रदेश में अधिक बरसात होने पर जैसे ही कालीसिंध हो आहु नदियों में उफान आता है तो गागरोन, चंगेरी, लक्ष्मीपुरा, नोलाव, नारायण खेड़ा राजपुरा सही तो लगभग एक दर्जन गांव झालावाड़ से कट जाते हैं। अब जबकि उच्च स्तरीय पुलिया का निर्माण हो रहा है तो इन सभी गांव के लोगों को काफी राहत मिलेगी और वह कभी भी किसी भी समय झालावाड़ की ओर जा सकेंगे।

22 करोड़ की लागत आएगी
झालावाड़ सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता आरके सोनी ने जानकारी देते हुए बताया कि हाई लेवल पुल के लिए 22 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है, जिसके लिए विभाग ने टेंडर जारी कर दिए हैं, शीघ्र ही टेंडर प्रक्रिया पूर्ण हो जाएगी, जिसके बाद जल्द से जल्द पुलिया का निर्माण शुरू करवा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पुलिया की ऊंचाई उस स्तर तक रखी जाएगी, जहां तक कभी पानी ना पहुंचा हो, ऐसे में पूरे वर्ष भर लोगों को गागरोन आने-जाने की सुविधा मिल पाएगी।

आहू नदी पर बना पुल बनने से गागरोन के लोगों को काफी सुविधा मिल पाएगी। खासकर बारिश के मौसम में लोग इलाज के अभाव में यहां दम नहीं तोड़ेंगे, बीमारों को झालावाड़ ले जाया जा सकेगा।
जाकिर, स्थानीय निवासी गागरोन

बरसात के 4 महीने बड़ी ही मुश्किल से गुजरते हैं, किसी सामान की जरूरत पड़ जाए तो लेने आ नहीं सकते। पूरे 4 महीनों का इंतजाम पहले ही घर में करके रखना पड़ता है, वरना खाने के भी लाले पड़ जाते हैं, अब पुल बनने से परेशानी खत्म होगी।
 रतीराम, निवासी राजपुरा

गागरोन की आहू नदी पर हाई लेवल ब्रिज के लिए 22 करोड रुपए मिले हैं तथा टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, शीघ्र ही निर्माण शुरू हो जाएगा।
आर. के. सोनी, अधिशासी अभियंता सार्वजनिक निर्माण विभाग झालावाड

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