रिश्वत में अस्मत मांगने का मामला: कैलाश बोहरा को बर्खास्त करने की राज्यपाल ने दी मंजूरी
रिश्वत की एवज में अस्मत मांगने के आरोपी सेवानिवृत्त आरपीएस कैलाशचंद बोहरा को बर्खास्त करने के लिए राज्यपाल कलराज मिश्र ने शुक्रवार को मंजूरी दे दी। अब जल्द की गृह विभाग बर्खास्तगी के आदेश जारी करेगा। बोहरा को गत 20 मार्च को ही अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई थी।
जयपुर। रिश्वत की एवज में अस्मत मांगने के आरोपी सेवानिवृत्त आरपीएस कैलाशचंद बोहरा को बर्खास्त करने के लिए राज्यपाल कलराज मिश्र ने शुक्रवार को मंजूरी दे दी। अब जल्द की गृह विभाग बर्खास्तगी के आदेश जारी करेगा। बोहरा को गत 20 मार्च को ही अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई थी। राजस्थान पेंशन नियम 1996 के नियम 53(1) अन्तर्गत 15 वर्ष की सेवा पूर्ण कर चुके अथवा 50 वर्ष की आयु पूर्ण कर चुके राजकीय कार्मिक को उसकी अक्षमता के आधार पर लोकहित में अनिवार्य सेवानिवृत्ति दिए जाने का प्रावधान है। इस प्रावधान में बोहरा को तत्काल अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई थी। संविधान के आर्टिकल 311 में प्रत्येक राजकीय कर्मचारी को सेवा से पृथक करने से पूर्व सुनवाई का अवसर दिया जाना आवश्यक है। बोहरा के इस प्रकरण को समग्र रूप से देखते हुए सीसीए नियम 19 की कार्रवाई विचाराधीन रखते हुए अनिवार्य सेवानिवृत्ति दी गई थी। अनिवार्य सेवानिवृत्ति के बाद सीसीए नियमों में कार्रवाई जारी कर नियमों के तहत बर्खास्तगी की कार्रवाई की गई, जिसकी राज्यपाल ने स्वीकृति दे दी।
यह था मामला
अनिवार्य सेवानिवृत्त किए गए आरपीएस अधिकारी कैलाशचंद बोहरा ने गत 14 मार्च को रविवार के दिन जयपुर में गोपालपुरा चौकी स्थित डीसीपी कार्यालय के अंदर अपने आॅफिस में पीड़ित युवती को बुलाया और उसकी अस्मत लूटने का प्रयास किया। इज्जत लूटने के दौरान एसीबी ने दबिश दी और उसे रंगे हाथों कैलाश बोहरा को गिरफ्तार कर लिया।
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