2 बच्चों की मौत प्रकरण की जांच में नर्सिंग स्टाफ की लापरवाही

टीम ने नर्सिंग स्टाफ की लापरवाही भी मानी है

2 बच्चों की मौत प्रकरण की जांच में नर्सिंग स्टाफ की लापरवाही

राजकीय अमृतकौर चिकित्सालय में वार्मर ओवरहीट होने से दो बच्चों की मौत प्रकरण की जांच के लिए प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य विभाग की टीम ब्यावर पहुंची।

ब्यावर। राजकीय अमृतकौर चिकित्सालय में वार्मर ओवरहीट होने से दो बच्चों की मौत प्रकरण की जांच के लिए प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य विभाग की टीम ब्यावर पहुंची। टीम ने नर्सिंग स्टाफ की लापरवाही भी मानी है। जांच टीम में शामिल चिकित्सा विभाग अजमेर के संभागीय सहायक निदेशक डॉ.योगेन्द्र फुलवारी ने बताया कि नर्सिंग स्टाफ को बिजली सप्लाई में फ्लेक्चुएशन की स्थिति में तुरंत जाकर सभी वार्मर्स को देखना चाहिए था लेकिन ऐसा नहीं हुआ है। विभाग के निदेशक डॉ.केसी मीणा के नेतृत्व में पहुंची टीम के सदस्यों ने गहनता से छानबीन की। यूनिट के उस वार्मर को भी चैक किया जो ओवरहीट हुआ था।

यह पाई कमियां यह पाई कमियां
डॉ. फुलवारी ने बताया कि यूनिट में पर्याप्त मात्र में स्टाफ की तैनाती हो, इसके पुख्ता इंतजाम होने चाहिए। यूनिट में 8 नर्सिगकर्मियों की जरूरत है लेकिन एनएचआरएम से केवल दो ही नर्सिगकर्मी तैनात हैं। इसे लेकर पीएमओ से डिमांड भेजने को कहा है ताकि नर्सिंग स्टाफ बढ़ाया जा सके।

जेडी ने भी की जांच
संयुक्त निदेशक इंद्रजीतसिंह, आरसीएच की निदेशक गुरुबाला, सीएमएचओ डॉ.केके सोनी सहित अन्य ने भी प्रकरण को लेकर जांच की। उधर प्रशासन की ओर से मृत शिशुओं के परिजनों को सीएम सहायता कोष से एक-एक लाख रुपए की आर्थिक सहायता दिलाने के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।

दोषियों पर होगी कार्रवाई : बेनीवाल
बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने कहा कि वार्मर ओवरहीट के कारण हुई दो मासूम बच्चों की मौत बहुत दुखद है। प्रकरण में लापरवाह कार्मिकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बेनीवाल मंगलवार को राजकीय अमृतकौर चिकित्सालय पहुंचीं। मीडियाकर्मियो से बातचीत करते हुए कहा कि घटना को लेकर जांच कमेटी का गठन किया गया है। कमेटी शीघ्र ही अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। अस्पताल में चिकित्सकों तथा नर्सिगकर्मिकों की कमी को लेकर राज्य सरकार को जानकारी दी जाएगी।

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एक वर्ष में दूसरा हादसा
जिला राजकीय अमृतकौर चिकित्सालय की मदर एंड चाइल्ड विंग की नर्सरी में एक वर्ष के अंतराल में यह दूसरा हादसा है। जो विद्युत व्यवधान के कारण हुआ है। 13 मार्च, 2021 में इसी नर्सरी में शॉर्ट सर्किट के चलते एसी में आग लग गई। इस कारण वार्ड में भर्ती 16 नवजात बाल-बाल बचे थे। मामले का गंभीर पहलू यह है कि मार्च 2021 में हुए हादसे के बाद एनआरएचएम के तकनीशियनों ने भी मौका मुआयना किया था। हादसे के बाद लाखों रुपए खर्च कर नर्सरी को पुन: तैयार करवाया गया। लाइफ सपॉर्टर उपकरण फुली ऑटोमैटिक होते हैं। इनकी समय-समय पर जांच की जाती है लेकिन उसके बाद भी वार्मर में हुआ हादसा यह सवाल उठाता है कि उपकरणों की जांच के नाम पर केवल खानापूर्ति की गई।

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