'शूटर दादी' चंद्रो तोमर के नाम से जाना जाएगा नोएडा शूटिंग रेंज, योगी सरकार ने की घोषणा

'शूटर दादी' चंद्रो तोमर के नाम से जाना जाएगा नोएडा शूटिंग रेंज, योगी सरकार ने की घोषणा

उत्तर प्रदेश के नोएडा में स्थापित शूटिंग रेंज को अब प्रख्यात निशानेबाज चंद्रो तोमर के नाम से जाना जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'कू' एप के माध्यम से यह जानकारी दी। उन्होने लिखा कि ख्यातिलब्ध निशानेबाज चन्द्रो तोमर जी जीवटता, जिजीविषा और नारी सशक्तिकरण की अप्रतिम प्रतीक हैं। हाल ही में उनका देहावसान हुआ है। उनके नाम पर शूटिंग रेंज का नामकरण युवाओं के लिए प्रेरणादायी सिद्ध होगा

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के नोएडा में स्थापित शूटिंग रेंज को अब प्रख्यात निशानेबाज चंद्रो तोमर के नाम से जाना जाएगा। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 'कू' एप के माध्यम से यह जानकारी दी। उन्होने लिखा कि ख्यातिलब्ध निशानेबाज चन्द्रो तोमर जी जीवटता, जिजीविषा और नारी सशक्तिकरण की अप्रतिम प्रतीक हैं। हाल ही में उनका देहावसान हुआ है। मातृ शक्ति को नमन करते हुए उत्तर प्रदेश सरकार के 'मिशन शक्ति' अभियान के क्रम में यह एक प्रयास है। उनके नाम पर शूटिंग रेंज का नामकरण युवाओं के लिए प्रेरणादायी सिद्ध होगा

गौरतलब है कि शूटर दादी के नाम से मशहूर चंद्रो तोमर का पिछली अप्रैल को कोरोना संक्रमण की चपेट में आने से मेरठ के एक अस्पताल में निधन हो गया था। वह 89 वर्ष की थी। 60 वर्ष की उम्र से निशानेबाजी में हाथ आजमाने वाली दुनिया की सबसे बुजुर्ग शूटर ने कई राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक जीते हैं। बागपत जिले की निवासी इस शूटर के जीवन पर बॉलीवुड में सांड की आंख नामक फिल्म भी प्रदर्शित हुई थी, जिसे भरपूर सफलता मिली थी।

Post Comment

Comment List

Latest News

सिद्दारमैया ने आरक्षण नीतियों में मोदी के दावों का किया खंडन, ज्ञान की कमी का लगाया आरोप सिद्दारमैया ने आरक्षण नीतियों में मोदी के दावों का किया खंडन, ज्ञान की कमी का लगाया आरोप
कांग्रेस ने आरक्षण कोटा पिछड़े वर्गों और दलितों से मुसलमानों को स्थानांतरित कर दिया है, एक झूठ है। उन्होंने प्रधानमंत्री...
लोकसभा चुनाव की राजस्थान में भजनलाल शर्मा ने संभाली कमान, किए धुआंधार दौरे 
रोड़वेज अधिकारियों को अब समय से पहुंचना होगा कार्यालय, लगाई बायोमेट्रिक मशीन
अखिलेश ने कन्नौज से भरा पर्चा, चुनावी जंग हुई दिलचस्प
एक समाज के प्रत्याशियों वाली सीटों पर अन्य बाहुल्य जातियों के भरोसे मिलेगी जीत
बाल वाहिनी अब होंगी और अधिक सुरक्षित
पुलिया का काम सात माह से अटका पड़ा, बढ़ी दिक्कतें