कांग्रेस सरकार ने राजस्थान को तालिबान बना दिया है', लेकिन हम औरंजेब का शासन नही होने देंगे... किसने, क्यों कही ये बात.. जानने के लिए पढ़े यह खबर
अलवर में पहले मंदिर और अब गोशाला तोड़ने पर बोले सांसद कर्नल राज्यवर्धन
कांग्रेस सरकार ने राजस्थान को तालिबान बना दिया है', लेकिन हम औरंजेब का शासन नही होने देंगे: राज्यवर्धन राठौड़
जयपुर। अलवर में मंदिर तोड़ने के मामले को लेकर सियासी संग्राम जारी है। कांग्रेस-बीजेपी की ओर से आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। भाजपा राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं सांसद राज्यवर्धन राठौड़ ने भाजपा मुख्यालय में प्रेस वार्ता में कहा कि अलवर में पहले मंदिर औऱ अब गोशाला को तोड़ दिया गया। इससे वोट बैंक के लिए बौखला गई है। इसका खामियाजा भुगतना होगा। 400 गायें भटक रही है। कांग्रेस के।मंत्रियों का झूठा बयान है। राजगढ़ पालिका ने 30 फिट रास्ता करने की है, उसमे कही भी मंदिर की बात नही है। यह प्रशासन के बिना नही हो सकता है। जो द्वेश पुर्ण कार्यवाही की है जो बदले की भावना से हुई है। जब कलेक्टर बाहर था। उसके बाद कायर्वाही की है। मंदिर की मूर्तियों को खंडित किया गया। कांग्रेस बौखलाहट में है, इसी लिए सब जगह से साफ हो रही है। वहाँ का विधायक कहता है कि मेरे साथ आ जाओ तोड़फोड़ नही होगी। कलेक्टर की रिपोर्ट में साफ लिखा है कि एसडीएम की देखरेख में कार्यवाही हुई है। एक समुदाय के लिए रोजा इफ्तार हो रहा है, रामनवमी पर यात्रा पर रोक लगाई जा रही है, यह सिर्फ तुष्टीकरण की राजनीति कर रहे है। करौली में दंगा हुआ, फिर कह रहे है वो जी श्री राम के नारे लगा रहे है। राजस्थान को तालिबान बना दिया है। कानून व्यवस्था चौपट है, राजगढ़ में जिनके घर तोड़े है वे परिवार भूखे है। उनकी कोई सुध लेने वाला नही है। पालिका ने फरवरी में फिर से प्रस्ताव पारित किया जिससे लिखा है कि जहाँ सड़क 60 फिट चौड़ी नही हो रही है वहाँ कुछ नही हो सकता है। हर एक विधानसभा में एक मुख्यमंत्री है, जनता ने तो एक ही चुना था। भाजपा की कमेटी का राजगढ़ की जनता ने स्वागत किया है।
राठौड़ ने एक सवाल के जवाब में कहा कि मुख्यमंत्री माफी मांगे, मंदिर फिर से बने। गोशाला फिर बने। राज्यपाल के पास लेकर जाएंगे। सड़क सिमा से कोई भी धार्मिक स्थल को हटाने की आस्था को ध्यान में रखकर होना चाहिए। इसका कांग्रेस को खामियाजा भुगतना होगा। करौली भरतपुर में पलायन को लेकर कहा कि सरकार को सतर्क होना होगा, कुछ एनजीओ इस तरह की घटनाएं हो रही है।
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