सुविवि : इंजीनियरिंग का बिगड़ा ‘आर्किटेक्चर’, 6 स्टूडेंट्स पर 3 फैकल्टी
पहले वर्ष 340 सीटों पर महज 90 एडमिशन
सुखाड़िया विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग कॉलेज का पहला बैच उधार के भवन और जुगाड़ की फैकल्टी के साथ गिने-चुने स्टूडेंट्स संग चल रहा है। यह प्रदेश का एकमात्र कॉलेज है, जहां आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग में निर्धारित 40 सीटों पर महज 6 स्टूडेंट्स ने प्रवेश लिया है।
उदयपुर। सुखाड़िया विश्वविद्यालय के इंजीनियरिंग कॉलेज का पहला बैच उधार के भवन और जुगाड़ की फैकल्टी के साथ गिने-चुने स्टूडेंट्स संग चल रहा है। यह प्रदेश का एकमात्र कॉलेज है, जहां आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग में निर्धारित 40 सीटों पर महज 6 स्टूडेंट्स ने प्रवेश लिया है। इतना ही नहीं, कॉलेज में फैकल्टी का भी टोटा है। सुविवि प्रबंधन ने फैकल्टी के लिए जब पहली बार इंटरव्यू कॉल किया गया तो एक भी आवेदन नहीं आया, वहीं दूसरी बार में एक अभ्यर्थी ने हिस्सा लिया। ऐसे में पहला बैच संचालित करने के लिए सुविवि प्रबंधन को जुगाड़ करना पड़ा है। आर्किटेक्चर इंजीनियरिंग के 6 स्टूडेंट्स पर 3 फैकल्टी लगाई गई है।
सुविवि प्रबंधन को कुल मिलाकर इंजीनियरिंग कॉलेज खोलने में जल्दबाजी भारी पड़ गई है। इंजीनियरिंग कॉलेज के लिए करोड़ों रुपए का फंड जारी कर दिया गया है, जबकि कॉलेज बिल्डिंग अब तक तैयार भी नहीं हुई है। स्थिति यह है कि कॉलेज की विभिन्न ब्रांचों में उपकरण खरीदने के लिए भी उधारी में कार्य चलाना पड़ गया है। सुविवि ने संघटक साइंस कॉलेज को इस संबंध में निर्देश दिए गए हैं। इस आदेश में कहा ‘विभिन्न ब्रांचों के लिए उपकरण खरीदने होंगे, जिसकी जिम्मेदारी साइंस कॉलेज को दी जाती है। ऐसे में साइंस कॉलेज उसके स्थानीय निधि में से 15 लाख रुपए के उपकरण खरीदें। यह राशि संकाय से प्राप्त होने वाली आय से वापस लौटा दी जाएगी।’
आईआईएम-यू ने भी किया तीन साल इंतजार
नियमों की माने तो किसी भी कॉलेज भवन के लिए तीन वर्ष का इंतजार करना होता है, जब संबंधित कॉलेज में निर्धारित सीटों पर प्रवेश सुनिश्चित हो जाते हैं तभी बिल्डिंग को लेकर कार्य होता है। प्रदेश के पहले आईआईएम उदयपुर भी तीन साल तक सुविवि परिसर में चला, उसके बाद बलीचा में कैंपस बनाया गया। इतना ही नहीं सुविवि के संघटक लॉ कॉलेज में बीए एलएलबी की तीन वर्ष की अवधि पूरी होने के बाद भवन बनाया गया। वर्तमान में इंजीनियरिंग कॉलेज शिक्षा संकाय के पुराने भवन में संचालित किया जा रहा है। राजस्थान विद्यापीठ में कृषि संकाय शुरू किया, लेकिन वर्तमान में विभिन्न संकायों भवनों का उपयोग किया जा रहा है तथा फैकल्टी सदस्यों की भर्ती की जा रही है।
महज 26 फीसदी सीटों पर प्रवेश | ||
ब्रांच | कुल सीट | इतने प्रवेश |
कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग | 60 | 60 |
सिविल इंजीनियरिंग | 60 | 09 |
मैकेनिकल इंजीनियरिंग | 60 | 05 |
इलेक्ट्रोनिक्स एंड कम्युनिकेशन | 60 | 03 |
इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग | 60 | 07 |
आर्किटेक्चर | 40 | 06 |
योग | 340 | 90 |
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