एयरपोर्ट परिसर की सारी घास जली, अब टेंडर का क्या फायदा

टेंडर प्रक्रिया पूरी होने में ही बीत जाएगा आधा सत्र

एयरपोर्ट परिसर की सारी घास जली, अब टेंडर का क्या फायदा

एयरपोर्ट प्रबंधन को पता है कि हर साल गर्मी शुरू होते ही परिसर की सूखी घास में आग लगती है तो उसकी कटाई के टेंडर काफी समय पहले ही कर देने चाहिए थे। लेकिन एयरपोर्ट अधिकारी की लापरवाही से घास कटाई का टेंडर करने में देरी की गई है। जिससे अप्रैल का महीना बीतने के बावजूद अभी तक टेंडर ही नहीं हुआ है।

कोटा । झालावाड़ रोड स्थित एयरपोर्ट परिसर में एक दिन पहले  सूखी घास में लगी भीषण आग से पूरी घास जलकर खाक हो गई है। अब एयरपोर्ट प्रबंधन जागा और उसके  द्वारा घास कटाई का टेंडर करने की प्रक्रिया शुरू करने की पहल की है।
एयरपोर्ट परिसर में चार दीवारी से भीतर चारों तरफ बड़ी मात्रा में सूखी घास उगी हुई है। उस घास में हर साल गर्मी के मौसम में आग लगने की घटनाएं होती है। वह भी एक दो बार नहीं कई -कई बार होती रही हैं। इस बार भी मार्च से अप्रैल के दो माह में करीब 10 बार आग लग चुकी है। हालांकि अधिकतर समय कम जगह पर आग लगने से उसे तुरंत बुझा लिया जाता है। लेकिन शनिवार को लगी आग ने विकराल रूप ले लिया था। हवा के साथ आग इतनी अधिक फैल गई थी कि उसे काबू करना ही मुश्किल हो रहा था। नगर निगम कीे 14 दमकलों ने करीब 2 लाख लीटर पानी डालकर आग पर काबू पाया था। करीब डेढ़ किमी. तक के क्षेत्र में उगी घास पूरी तरह से जलकर खाक हो गई है।

एयरपोर्ट प्रबंधन को पता है कि हर साल गर्मी शुरू होते ही परिसर की सूखी घास में आग लगती है तो उसकी कटाई के टेंडर काफी समय पहले ही कर देने चाहिए थे। जिससे अप्रैल से पहले ही घास कट जाती तो शनिवार के दिन जैसी घटनाओं को टाला जा सकता था। लेकिन एयरपोर्ट अधिकारी की लापरवाही से घास कटाई का टेंडर करने में देरी की गई है। जिससे अप्रैल का महीना बीतने के बावजूद अभी तक टेंडर ही नहीं हुआ है।

एयरपोर्ट अधिकारी नरेन्द्र मीणा का कहना है कि एयरपोर्ट परिसर में चार दीवारी के अंदर करीब 399 एकड़ भूमि पर सूखीे घास उगी हुई है। जिसे कटवाने का टेंडर किशनगढ़ अजमेर स्थित एयरपोर्ट के माध्यम से किया जा रहा है। सिविल व टेक् नीकल इंजीनियर किशनगढ़ में होने से टेंडर प्रक्रिया वहीं से फाइनल होगी। टेंडर की तकनीकी बिड खोली जा चुकी है और वित्तीय बिड सोमवार को खोली जाएग़ी।

सूत्रों के अनुसार अभी वित्तीय बिड खुलने के बाद नेगोशिएशन होने व कार्यादेश जारी होने के बाद घास कटाई के टेंडर को फाइनल होने व काम शुरू होने में करीब एक सप्ताह से दस दिन का समय भी  लग सकता है। ऐसे में गर्मी अधिक होने से उससे पहले कभी भी फिर से आग लगने की घटना हो सकती है। हालांकि शनिवार को लगी भीषण आग में  एयरपोर्ट परिसर के डेढ़ किमी एरिया की घास तो जलकर खाक सो चुकी है। ऐसे में अब घास कटाई का टेंडर करने  का फायदा ही नहीं है। टेंडर तो पहले ही होना चाहिए था जिससे इस तरह की आग लगने की घटना से बचा जा सके। सूत्रों के अनुसार अब एयरपोर्ट पर घास कटाई का लाखों रुपए का टेंडर होगा जबकि वहां उतनी तो घास ही नहीं बची है। जबकि पिछले साल भी एयरपोर्ट प्रबंधन ने पिछले साल भी घास कटाई का टेंडर नहीं कर दैनिक मजदूरी पर ही जेसीबी से घास कटवाने का दावा किया जा रहा है।       

इधर नगर निगम कोटा दक्षिण के सहायक अग्निशमन अधिकारी देवेन्द्र गौतम ने बताया कि हर साल गर्मी के मौसम से पहले प्रशासन के साथ होने वाली बैठक एयरपोर्ट प्रबंधन को घास कटवाने के लिए पाबंद करते रहे हैं। लेकिन उनके द्वारा हमेशा लापरवाही बरती जा रही है। जिससे कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है। 

इधर नगर निगम कोटा दक्षिण की आयुक्त कीर्ति राठौड़ ने बताया कि यदि नगर निगम की दमकलों से समय रहते आग पर काबू नहीं पाया जाता तो आग एयरपोर्ट परिसर की चार दीवारी से निकलकर हवा के साथ बाहर रिहायशी इलाकों तक पहुंच जाती तो उसे काबू करना तो मुश्किल होता ही साथ ही उससे जन धन की हानि होने की संभावना भी अधिक हो जाती। आयुक्त ने बताया कि एयरपोर्ट परिसर की पीछे की तरफ की चार दीवारी का छोटा सा हिस्सा टूटा हुआ है उसे बनाने के लिए तो एयरपोर्ट अधिकारी आए दिन शिकायतें करते हैं कि उस जगह से भैसें अंदर घुसकर परिसर को नुकसान पहुंचा देती है। जबकि एयरपोर्ट प्रबंधन का मुख्य काम सूखी घास को कटवाने का है वह उनसे हो नहीं रहा है। इधर एडीएम सिटी महेन्द्र लोढ़ा ने बताया कि एयरपोर्ट अधिकारी को सूखी घास शीघ्र कटवाने के लिए पाबंद किया हुआ है।

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