नए अस्पताल में रविवार रात 3 घंटे रही बिजली गुल

अंधेरे व टोर्च की रोशनी में हुआ मरीजों का उपचार, बुजुर्ग महिला की मौत से मचा हड़कंप

 नए अस्पताल में रविवार रात 3 घंटे रही बिजली गुल

न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल के इलेक्ट्रिकल पैनल में खराबी के चलते अस्पताल में रविवार रात बिजली गुल हो गई। इस दौरान इमरजेंसी वार्ड में भर्ती बुजुर्ग महिला को टॉर्च की रोशनी में सीपीआर दिया गया।

कोटा । न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल के इलेक्ट्रिकल पैनल में  खराबी के चलते अस्पताल में रविवार रात बिजली गुल हो गई।  इस दौरान इमरजेंसी वार्ड में भर्ती बुजुर्ग महिला को टॉर्च की रोशनी में सीपीआर दिया गया। परिजन हाथ के पंखे से मरीज को हवा करते रहे। आखिरकार उपचार के दौरान बुजुर्ग महिला की मौत हो गई जिससे परिजनों का आरोप है कि लाइट बंद होने से आॅक्सीजन सप्लाई नहीं हो सकी और महिला की मौत हो गई । जबकि अस्पताल प्रशासन ने इस आरोप को गलत बताया है।

 मृतका नन्दू बाई (65) रावतभाटा की निवासी थी। देर रात 10 बजकर 50 मिनट पर उसकी मौत हुई। जबकि 10 बजकर 55 मिनट के बाद बिजली चालू हुई। डॉक्टर्स के मुताबिक बुजुर्ग महिला को गम्भीर हालात में सुबह हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था। बिजली गुल होने पर वेंटिलेटर, बैकअप की वजह से चालू था।

ज्यादा लोड होने के कारण लाइन जली
हॉस्पिटल अधीक्षक डॉ सीएस सुशील ने बताया कि हॉस्पिटल चालू हुए 12,13 साल हो गए। पहले एसी कम थे। अब एसी ज्यादा हो गए। लाइन पुरानी थी। अभी गर्मी का मौसम है। सम्भवतया: लोड बढ़ने से लाइन जल गई। हालांकि हॉस्पिटल में जनरेटर लगे हुए है। लेकिन लाइन जलने से उनका भी उपयोग नहीं कर सकें।

3 घंटे रहा अंधेरा
केबल जलने से करीब 3 घंटे तक हॉस्पिटल के गेट नम्बर 4 के पास बने इमरजेंसी वार्ड, कोविड वार्ड ,ब्लड बैंक व सर्जिकल आईसीयू में अंधेरा रहा। मरीज व तीमारदार गर्मी में परेशान रहे। इस दौरान हॉस्पिटल प्रशासन ने पीडब्ल्यूडी इंजीनियर को फोन किया। इंजीनियर ने कोटा से बाहर होने का हवाला देकर ठेकेदार से सम्पर्क करने को कहा। ठेकेदार ने भी कोटा से बाहर होने की बात बताई। उसके बाद अन्य ठेकेदार को बुलवाकर बिजली चालू करवाई गई।

प्रत्यक्षदर्शी योगेश ने बताया कि उनकी बहिन भी इमरजेंसी वार्ड में भर्ती है। कल शाम को 7 बजे के लगभग शट डाउन हुआ था। जिसमें जनरेटर का वायर व मेन लाइन का वायर शार्ट हो गया था। इलेक्ट्रिशियन टाइम पर नहीं आ पाए थे। करीब 9 बजे लाइट ठीक करने का काम शुरू हुआ। उस समय वार्ड में भर्ती एक पेशेंट क्रिटिकल था। उसके सीपीआर में दिक्कत आ गई थी।

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