रूस-यूक्रेन जंग के दो महीने पूरे

रणनीति बदलने को बाध्य हुए पुतिन

रूस-यूक्रेन जंग के दो महीने पूरे

पुतिन ने यूक्रेन के साथ बातचीत के जरिए डील की उम्मीद को छोड़ा

कीव। रूस और यूक्रेन के बीच जंग के दो महीने पूरे हो गए हैं और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को उनकी मनचाही सफलता नहीं मिल पाई है। यूक्रेन युद्ध के दूसरे महीने में बहुत कुछ बदल गया है लेकिन अभी भीषण लड़ाई जारी है। परमाणु हथियारों से लैस रूस 60 दिन के बाद भी अभी तक इस युद्ध को अपने पक्ष में मोड़ नहीं पाया है। यही नहीं उसे यूक्रेन के उत्तरी इलाकों से पीछे हटना पड़ा है। यूक्रेन के पूर्वी और दक्षिणी इलाके में रूस का आक्रामक अभियान भीषण लड़ाई के बाद भी थमता नजर आ रहा है। विशेषज्ञों के मुताबिक यही वजह है कि रूस ने अब रणनीति को बदलते हुए जमीन पर कब्जा करने पर जोर देना शुरू कर दिया है। पिछले दो महीने की लड़ाई के दौरान रूस ने कोशिश की कि यूक्रेन की राजधानी कीव पर कब्जा कर लिया जाए। हालांकि रूस का यह प्लान फेल हो गया और उसे यूक्रेनी सेना के जोरदार पलटवार की वजह से पीछे हटना पड़ा है। रूस ने रणनीति को बदलते हुए अब पूर्वी और दक्षिणी मोर्चे पर कुछ सेना को फिर से तैनात किया है। इन इलाकों में भीषण लड़ाई के बाद भी रूस को बहुत ज्यादा सफलता नहीं मिल पाई है। यही नहीं दक्षिणी खेरसॉन शहर में यूक्रेनी सेना के पलटवार से रूस की सेना को पीछे हटना पड़ा है। खारकीव में भी रूसी सैनिक पीछे हटे हैं। इस बीच अमेरिका और पश्चिमी देशों से घातक हथियारों की सप्लाइ तेज हो गई है जिससे यूक्रेनी सेना का प्रतिरोध और तेज हो गया है।

यूक्रेन को समुद्र से काटना चाहते हैं
सूत्र ने कहा कि पुतिन जेलेंस्की के साथ मुलाकात से बच रहे हैं और उनकी कोशिश है कि इससे पहले ही सबकुछ फैसला हो जाए। यूक्रेनी राष्ट्रपति ने कहा है कि वह रूस के साथ शांति वार्ता करना चाहते हैं लेकिन अगर मारियुपोल में हत्या जारी रहती है तो वह नहीं करेंगे। यूक्रेन के अधिकारियों को डर सता रहा है कि पुतिन दोनबास की बजाय पूरे दक्षिणी-पूर्वी यूक्रेन पर कब्जा कर सकते हैं ताकि यूक्रेन को समुद्र से काट दिया जाए। यूक्रेन को भरोसा है कि वह रूसी सेना को पीछे ढकेल सकती है।

पुतिन ने यूक्रेन के साथ बातचीत के जरिए डील की उम्मीद को छोड़ा
हालांकि रूस को सेवेरोडोनेट्स्क इलाके में कुछ बढ़त मिली है। साथ रूसी सेना ने मारियुपोल पर बेहद क्रूर हमले के बाद कब्जा कर लिया है। फाइनेंशियल टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक अब पुतिन ने यूक्रेन के साथ बातचीत के जरिए डील होने की उम्मीद को छोड़ दिया है। रूसी राष्ट्रपति की अब कोशिश ज्यादा से ज्यादा यूक्रेनी जमीन पर कब्जा करने की है। यही वजह है कि तुर्की ने सीरिया जाने वाले रूसी सेना के लिए अपना हवाई रास्ता बंद कर दिया है ताकि पुतिन को बातचीत की मेज पर फिर से लाया जा सके। रूसी सूत्रों ने बताया कि यूक्रेन में भारी नुकसान के बाद पिछले महीने रूसी राष्ट्रपति एक शांति डील पर गंभीरतापूर्वक विचार कर रहे थे। हालांकि अब वह मान चुके हैं कि इस युद्ध का अंत होता नहीं दिख रहा है। पुतिन ने कहा है कि शांति के प्रयास अब खत्म होने की कगार पर हैं। पुतिन मोस्कवा युद्धपोत के डूब जाने से भी भड़के हुए हैं। सूत्र ने कहा कि उन्हें किसी तरह से विजेता के रूप में इस युद्ध को खत्म करने का रास्ता तलाश करना होगा।

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