कैलाश बोहरा के प्रार्थना-पत्र पर जेल अधीक्षक करे कार्रवाई : कोर्ट
अदालत को जानकारी पेश करने को कहा है
एसीबी मामलों की विशेष अदालत ने रिश्वत में अस्मत मांगने के मामले में जेल में बंद बर्खास्त आरपीएस कैलाश बोहरा के प्रार्थना-पत्र पर जेल अधीक्षक को जेल नियमों के अनुसार कार्रवाई कर अदालत को जानकारी पेश करने को कहा है।
जयपुर। एसीबी मामलों की विशेष अदालत ने रिश्वत में अस्मत मांगने के मामले में जेल में बंद बर्खास्त आरपीएस कैलाश बोहरा के प्रार्थना-पत्र पर जेल अधीक्षक को जेल नियमों के अनुसार कार्रवाई कर अदालत को जानकारी पेश करने को कहा है। प्रार्थना पत्र में बोहरा ने प्रकरण की पीड़िता और उसके परिजनों के खिलाफ बरी कराने की एवज में 51 लाख रुपए की मांग करने और ब्लैकमेलिंग व प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। आरोपी की ओर से कोर्ट में पेश प्रार्थना-पत्र में कहा गया कि पीड़िता जानबूझकर कोर्ट में बयानों के लिए उपस्थित नहीं हो रही है और बयानों को लंबित रख रही है। इस दौरान उसकी ब्लैकमेलिंग गैंग ने उनसे व परिवारजनों से एक करोड़ रुपए से लेेकर तीस-चालीस लाख रुपए की मांग रखी है। प्रार्थी के परिजनों ने पीड़िता व उसके साथी राजन सेठ की ऑडियो-वीडियो रिकाडिंग की है, जिसमें वे उनसे 51 लाख रुपए मांग रहे हैं।
इसमें वे कह रहे हैं कि उनके पास परिवादी को फंसाने के पर्याप्त सबूत है, जो एसीबी के साथ मिलकर तैयार किए थे। वे यह सबूत कोर्ट को दे देगें और इससे प्रार्थी मामले से बरी हो जाएगा। परिवाद में कहा है कि पीड़िता रकम लेने के बाद आरोपी प्रार्थी को बरी करवाने की गारंटी ले रही है और उन्हें लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है। ऐसे में इस हादसे की सत्यता की जांच के लिए पीड़िता व राजन सेठ सहित गैंग के अन्य सदस्यों का वॉयस सैंपल व पॉलीग्राफ टेस्ट करवाया जाए। इसके साथ ही ब्लैकमेलिंग गैंग के खिलाफ रुपए हड़पने, ब्लैकमेल करने व जातिसूचक शब्दों का प्रयोग करने पर मुकदमा दर्ज करवाया जाकर कानूनी कार्रवाई की जाए। जिस पर सुनवाई करते हुए अदालत में इस प्रार्थना पत्र को जेल अधीक्षक को भेजते हुए जेल नियमों के तहत कार्रवाई करने को कहा है।
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