महंगाई की मार से पशुपालन हुआ दुश्वार
आसमान छू रहे पशु चारे के भाव
दूध की कीमत जस की तस
श्रीडूंगरगढ़। बढ़ती महंगाई के दौर में पशु चारा भी अछूत नहीं रहा है। इस बार दो से तीन गुणा बढ़े पशु चारा के भाव ने पशूपालकों के सामने बड़ी परेशानी खड़ी कर दी है। महंगाई के तले दबे पशूपालकों को अपने परिवार की परवरिश करने में काफी मशक्कत करनी पड़ रही है, ऐसे में पशुपालन से गुजारा करने वाले पशूपालकों के लिए चारे व पशुआहार की समस्या ने मुश्किलें और बढ़ा दी है। एक तरफ चारा व आहार में अप्रत्याशित वृद्धि हुई है, वहीं दूध के भाव जस के तस पड़े हैं। इस बार कहीं बरसात की कमी तो कहीं अतिवृष्टि के चलते बरानी खेती में अकाल के ही हालात रहे। इससे बाजरा व अन्य पशु चारा उपयोगी फसलें कमजोर रही और पर्याप्त चारा की उपलब्धता नहीं रही। ऐसे में पशूपालकों की आस रबी की फसलों पर टिकी रही। लेकिन इस फसल के दौरान आसमान छूते चारे के भावों ने पशूपालकों को निराश कर दिया है। ग्रामीण क्षेत्र में पशु धन को बड़ी संख्या में लोगों ने परिवार के पेट पालन का जरिया बना रखा है। लेकिन इन पलकों के सामने पशुधन से घर चलाना तो दूर इनको बचाने की आफत बन गई है। भावों में हुई अप्रत्याशित वृद्धि ने पशूपालकों की हालात ह्लन उगलते और न निगलतेह्ल वाली बना दी है।
यह है पशु चारे व पशुआहार के भाव:
चारा में हुई अप्रत्याशित बढ़ोतरी से जहां गेहूं तूड़ी के भाव 3 सौ से 350 रुपए रहते हैं, वो इस समय 9 सौ से एक हजार रुपए हो गए हैं। इसी तरह जौ चारा 3 सौ से बढ़कर 6 सौ रुपए, पराली 5 सौ से एक हजार, चना खार 150 से 450 रुपए, मेथी चारा 150 से 450 रुपए तथा मूंगफली चारा 1400 रुपए प्रति क्विंटल के भाव से बिक रहा है। वहीं बिनोला खळ 2400-2500 से बढ़कर 4 हजार रुपए व पशुआहार 1200 से 2400 रुपए प्रति क्विंटल हो गया है।
दूध के भाव जस के तस: जिस तरह से पशु चारा के भाव दो से तीन गुणा बढ़ गए हैं और पशुआहार व बिनोला खळ के भावों में दो गुणा की बढ़ोतरी हुई है। उसके अनुरूप दूध के भाव नहीं बढ़ रहे हैं। पिछले एक साल से दूध 25 से 30 रुपए लीटर बिक रहा है।
ईंधन में चारे का उपयोग बना कोढ़ में खाज: एक और जहां पशुपालक चारे के संकट से जूझ रहे हैं, वहीं दूसरी ओर ईंट भट्ठों व उद्योगिक उपयोग के लिए बन रही जलाऊ गिट्टी के लिए उपयोग में लिया जा रहा चारा ह्लकोढ़ में खाजह्ल वाली लोकोक्ति को चरितार्थ कर रही है।
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