मोदी ने किया विकास कार्यों का रिव्यू, बोले- अयोध्या में हमारी परंपराओं और विकास की झलक होनी चाहिए
श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या के विकास को लेकर बनाए गए विजन डॉक्युमेंट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस से रिव्यू मीटिंग हुई। इसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। इस दौरान उत्तर प्रदेश के अधिकारियों ने अयोध्या के विकास की जुड़ी परियोजनाओं से संबंधित एक प्रजेंटेशन दिया।
नई दिल्ली। श्रीराम जन्मभूमि अयोध्या के विकास को लेकर बनाए गए विजन डॉक्युमेंट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अगुवाई में शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंस से रिव्यू मीटिंग हुई। इसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। इस दौरान उत्तर प्रदेश के अधिकारियों ने अयोध्या के विकास की जुड़ी परियोजनाओं से संबंधित एक प्रजेंटेशन दिया। अयोध्या के विकास की अवधारणा आध्यात्मिक केंद्र, वैश्विक पर्यटन हब और एक सतत स्मार्ट सिटी के रूप में की जा रही है। प्रधानमंत्री को अयोध्या के साथ विभिन्न जगहों के संपर्क को बढ़ाने से संबंधित विभिन्न प्रस्तावित तथा आगामी ढांचागत परियोजनाओं की जानकारी दी गई, जिनमें हवाई अड्डा, रेलवे स्टेशन, बस अड्डे, सड़कों और हाईवे के विस्तार पर चर्चा हुई।
इस दौरान एक हरे भरे कस्बे के बारे में भी चर्चा की गई, जिसमें श्रद्धालुओं के लिए आश्रम, मठ, होटल और विभिन्न राज्यों के भवन शामिल होंगे। एक विश्व स्तरीय स्वागत केंद्र और संग्रहालय भी बनाया जाएगा। सरयू नदी और उसके घाटों के आस-पास ढांचागत विकास पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। नदी में क्रूज के संचालन के बारे में भी बातचीत की गई। शहर में पैदल चलने वालों तथा साइकिल वालों के लिए भी विशेष व्यवस्था की जाएगी। यातायात का प्रबंधन भी स्मार्ट सिटी के मॉडल के आधार पर किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अयोध्या शहर हर सांस्कृतिक रूप से हर भारतीय के दिल में बसा है और इसलिए इसके विकास का कार्य स्वस्थ जनभागीदारी से इस तरह किया जाना चाहिए कि इसका सांस्कृतिक महत्व ज्यादा से ज्यादा से बढ़ाया जा सके। भगवान राम में लोगों को एक साथ लाने की योग्यता थी, इसे ध्यान में रखकर अयोध्या के विकास का कार्य स्वस्थ भागीदारी पर आधारित होना चाहिए और युवाओं को इसमें विशेष रूप से हिस्सा लेना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि अयोध्या ऐसा शहर है जो सांस्कृतिक रूप से हर भारतीय के दिल में बसा है। अयोध्या में हमारी सर्वश्रेष्ठ परंपराओं और विकास की झलक होनी चाहिए। अयोध्या आध्यात्मिक और उत्कृष्ट दोनों का ही उदाहरण है। इस शहर की प्रकृति का भविष्य के ढांचागत विकास के साथ मेल होना चाहिए, जो सबके लिए अच्छा होगा।
प्रधानमंत्री ने कहा कि आने वाली पीढ़ियों को जीवन में एक बार अयोध्या आने का अहसास और इच्छा जरूर होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि शहर में विकास के कार्य निरंतर जारी रहेंगे। साथ ही हमें अयोध्या को विकास के नए पड़ाव की ओर बढ़ाने का काम भी साथ ही शुरू कर देना चाहिए। हम सबको मिलकर अयोध्या की पहचान को बनाना चाहिए और इसकी सांस्कृतिक गतिशीलता को नए-नए तरीकों से बनाये रखना चाहिए।
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