बोर्ड परीक्षा के समय घंटों बिजली गुल, मोबाइल टॉर्च से पढ़ने को मजबूर हुए छात्र
रात के वक्त बिजली न आने की वजह से बच्चों को बोर्ड परीक्षा की तैयारी के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही
बोर्ड की परीक्षा की तैयारी के लिए बच्चे जी जान से मेहनत कर रहे हैं। लेकिन ग्रामीण इलाकों में बिजली गुल होने से बच्चे मोबाइल की टॉर्च के उजाले में पढ़ाई करने को मजबूर हैं।
गामछ। बोर्ड की परीक्षा की तैयारी के लिए बच्चे जी जान से मेहनत कर रहे हैं। लेकिन ग्रामीण इलाकों में बिजली गुल होने से बच्चे मोबाइल की टॉर्च के उजाले में पढ़ाई करने को मजबूर हैं। रात के वक्त बिजली न आने की वजह से बच्चों को बोर्ड परीक्षा की तैयारी के लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।
मोबाइल की टॉर्च के उजाले में क्यों कर रहे हैं पढ़ाई?
दरअसल जिले के ज्यादातर ग्रामीण इलाकों में दिन और रात के समय बिजली गुल रहती है। बच्चे दिन के समय तो जैसे-तैसे पढ़ाई कर लेते हैं। मगर रात के समय बिजली नहीं आने से अंधेरा रहता है। इसलिए अपने मोबाइल की टॉर्च जलाकर जितना हो सकता है, परीक्षा की तैयारी में जुट जाते हैं। हालांकि एक तरफ तो बिजली गुल रहने से अंधेरा रहता है, वहीं दूसरी तरफ कूलर-पंखा नहीं चलने से गर्मी से भी जूझना पड़ता है।
बिजली समस्या को लेकर यह बोले स्टूडेंस्ट्स
स्टूडेंट्स का कहना है कि हमारी बोर्ड परीक्षा चल रही है लेकिन हम पढ़ाई कैसे करें क्योंकि बिजली गुल रहती है। अंधेरा होने की वजह से पढ़ाई करने के लिए हमें मोबाइल की टॉर्च का सहारा लेना पड़ रहा है। बच्चों ने कहा कि एक तरफ तो अंधेरा और दूसरी तरफ हमें गर्मी से जूझना पड़ रहा है। यदि इसी तरह से बिजली गुल रहेगी तो हम पढ़ाई नहीं कर पाएंगे और हमारा भविष्य खराब हो जाएगा।
ग्रामीण क्षेत्रों में घंटों गुल रहती है बिजली
इन दिनों बोर्ड की परीक्षाएं चल रही हैं किन्तु बच्चे फोन टॉर्च की लाइट में पढ़ने पर मजबूर है। क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों में घंटों लाइट गुल रहती है। साथ ही भीषण गर्मी का प्रकोप भी बच्चों को झेलना पड़ रहा है। बच्चों के घरवालों का कहना है कि प्रशासन से कई बार अपील की जा चुकी है कि परीक्षा के समय इस प्रकार का खतरा बच्चों के सामने ना खड़ा हो। मगर इस गंभीर दिक्कत पर अब तक किसी ने कोई ध्यान नहीं दिया है। वहीं, फोन की बैटरी डिस्चार्ज होने के बाद यह दिक्कत बहुत बढ़ जाती है। क्योंकि लाइट ना होने के चलते वक़्त पर फोन चार्ज नहीं हो पाता है। इसका सीधा प्रभाव बच्चों की तैयारियों पर पड़ता है। इसलिए हम चाहते हैं कि जब तक बच्चों की बोर्ड परीक्षा चल रही हैं तब तक बिजली सप्लाई नियमित की जाए। बोर्ड परीक्षाओं की तैयारी कर रहे बच्चों के लिए बिजली आपूर्ति करने की सरकार को क्या जरा भी चिंता नहीं है।
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