धोखाधड़ी के आरोप में अंकुर पाडिया को चार व अनूप पाडिया को तीन साल की सजा, 47 हजार का जुर्माना

उदयपुर में फर्जी दस्तावेजों से भूमि दिलाने के नाम पर 65 लाख रुपए हड़पने का मामला

धोखाधड़ी के आरोप में अंकुर पाडिया को चार व अनूप पाडिया को तीन साल की सजा, 47 हजार का जुर्माना

उदयपुर में फर्जी दस्तावेजों के जरिए भूमि दिलाने के नाम पर 65 लाख रुपए की धोखाधड़ी करने के मामले में शहर की पीसीपीएनडीटी एक्ट कैसेज कोर्ट ने बुधवार को अनूप पाडिया और अंकुर पाडिया को दोषी करार देते हुए अलग-अलग सजा सुनाई है।

कोटा । उदयपुर में फर्जी दस्तावेजों के जरिए भूमि दिलाने के नाम पर 65 लाख रुपए की धोखाधड़ी करने के मामले में शहर की पीसीपीएनडीटी एक्ट कैसेज कोर्ट ने बुधवार को अनूप  पाडिया और अंकुर पाडिया को दोषी करार देते हुए अलग-अलग सजा सुनाई है। अदालत ने आरोपियों पर अलग-अलग दंड से दंडित किया है। विशिष्ट अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्टेÑट रचना मीणा ने आरोपी अंकुर पाडिया को चार साल  की सजा देते हुए  41 हजार का जुर्माना दिया है। जबकि अनूप पाडिया पुत्र श्रवण कुमार पाडिया को तीन साल तथा छह हजार रुपए का अर्थदंड दिया ।

मामले में  फरियादी गोपाल चतुर्वेदी ने दोनों आरोपियों के खिलाफ 30 अक्टूबर 2014 को पुलिस थाना बोरखेड़ा में रिपोर्ट दी थी। जिसमें बताया गया था कि वह कोटा में बजरंग नगर में रहता है। अंकुर पडिया उसका परिचित है। अप्रैल 2014 में अंकुर उसके घर आया और उसे उदयपुर में एक जमीन बिकाऊ बताते हुए खरीदने का प्रस्ताव दिया ।  जमीन की लोकेशन अच्छी बताते हुए उसे विश्वास में लिया। इसके बाद मई 2014 में अंकुर के साथ उदयपुर गया। जहां अंकुर ने फरियादी को लगभग 1.35 हजार  वर्गफीट की जमीन गांव धोलीमगरी में दिखाई और जमीन के फोटोकॉपी के कागज भी दिखाए थे। इसके बाद अनूप ने फरियादी से कहा था कि इस जमीन के मालिक रजनीश जिंदल हैं, जो प्रा. श्रीनाथ मिनरल्स प्रताप नगर उदयपुर में ही रहते हैं। जमीन पसंद आने पर जमीन मालिक से मिलकर जमीन तय करने का वादा किया। अंकुर ने उसे विश्वास में लेते हुए कहा था कि उसकी जमीन मालिक से बात हो गई है। पूरी जमीन की कीमत  पांच करोड़ मांग रहा है। इसलिए दोनों मिलकर आधे-आधे पैसे लगाकर पार्टनरशिप में जमीन को खरीद लेते हैं। इसके बाद 20 मई 2014 को अंकुर ने स्वयं ही एक स्टांप पेपर पर जमीन विक्रेता रजनीश जिंदल व दो गवाहों के बयान के साथ एक एग्रीमेंट तैयार करवा लिया और उससे 11 लाख 11 हजार 111 रुपए एडवांस ले लिए गए।

अगस्त 2014 में अंकुर फरियादी को दिल्ली ले गया और जगदीश जिंदल से मिलवाया  कहा कि जमीन के दाम जिंदल को पूरे देकर जमीन को आठ करोड़ में दूसरी पार्टी को बेचने की बात कर ली है। इस तरह से आरोपी फरियादी को विश्वास में लेकर धीरे-धीरे 65 लाख रुपए ले लिए  गए। कुछ दिनों बाद पता चला कि आरोपी अंकुर पाडिया रुद्राक्ष हत्याकांड में शामिल है। इसकी गिरफ्तारी के बाद अखबार में फोटो सामाने आने पर पता चला कि अंकुर पाडिया ने उसे जिस जिंदल से मिलवाया था वह उसका भाई अनूप पाडिया था। जिंदल को ही उसने उदयपुर जमीन का मालिक बताया गया। मामले में पुलिस ने दोनों भाइयों के खिलाफ धोखाधड़ी का मुकदमा दर्ज किया। दोनों आरोपी वर्तमान में रुद्राक्ष हत्या कांड में सजा भुगत रहे हैं। इस मामले में अभियोजन पक्ष की ओर से 17  गवाहों के बयान कराए गए। मामले में पीठासीन अधिकारी ने दोनों आरोपियों को दोषी मानते हुए सजा सुनाई है।
 

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