ख़बरदार: गहलोत सरकार की साख खराब करने वाले IPS अफसरों पर गिरेगी गाज
सूची तैयार, जल्द होगी जारी
तथ्य छिपाकर गलत रिपोर्ट देने वाले होंगे साइड लाइन
जयपुर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के गृह जिले जोधपुर और अन्य जिलों में हुए सांप्रदायिक तनाव की घटनाओं में पुलिस अफसरों की लापरवाही को उच्च स्तर पर गंभीरता से लिया गया है।
सीएमओ में बुधवार को दिनभर कई पुलिस अफसरों का रिकॉर्ड खंगाला गया । ऐसे अफसरों की सूची भी तैयारी की जा रही है, जो अपने कर्त्तव्यों के प्रति लापरवाह रहे हैं और वास्तविक तथ्यों को छिपाकर आला अफसरों के साथ सीएमओ को भी गलत रिपोर्ट दी है। सूत्रों के अनुसार प्रदेश में पिछले दिनों झालावाड़, करौली, धौलपुर, दौसा और जोधपुर में हुई घटनाओं के पहलुओं पर बारीकी से देखा जा रहा है। करौली और धौलपुर में सांप्रदायिक तनाव की घटनाओं के बढ़ने का एक कारण पुलिस अफसरों की लापरवाही भी है। कुछ जिलों से अफसरों ने उच्च स्तर पर गलत रिपोर्ट भी भेजी है। उन जिलों में अंदर-अंदर बने माहौल के तथ्य को छिपाकर पुलिस मुख्यालय को भी खैरियत की सूचना दी गई और उन्होंने इंटेलीजेंस ब्रांच की सूचनाओं को भी दरकिनार किया। इन सूचनाओं को पुलिस मुख्यालय ने भी सीएमओ तक भेज दिया।
पुलिस अधीक्षकों और रेंज आईजी ने दी गलत जानकारियां
पिछले दो दिन से चले रहे मंथन में एक तथ्य यह भी सामने आया है कि एक दर्जन से भी ज्यादा जिलों में कानून-व्यवस्था की स्थिति ठीक नहीं है, फिर भी वहां के पुलिस अधीक्षकों और रेंज आईजी ने अपनी ईमेज बरकरार रखने के लिए गलत जानकारियां दी।
पिछले दिनों आधा दर्जन से भी ज्यादा जिलों में हुई घटनाओं से राज्य सरकार की न केवल साख खराब हुई है, बल्कि विपक्षी दलों को भी मुद्दा मिला है। सूत्रों के अनुसार उच्च स्तर पर ऐसे पुलिस अफसरों को साइड लाइन करने का निर्णय कर लिया गया है, जिन्होंने तथ्य छिपाकर गलत रिपोर्ट भेजी है। ऐसे अफसरों को भी बदला जाएगा, जिनकी लापरवाही की वजह से राज्य सरकार की साख पर बट्टा लगा है। इसके साथ ही कुछ ऐसे अफसरों को भी बदला जाएगा, जिनकी उच्च स्तर तक भ्रष्टाचार की शिकायतें पहुंची है।
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