हत्या के जुर्म में पिता-पुत्र को उम्रकैद

एससी/एसटी कोर्ट ने 17 साल बाद सुनाई सजा

हत्या के जुर्म में पिता-पुत्र को उम्रकैद

हत्या के जुर्म में गुरुवार को एससी/एसटी कोर्ट ने 17 साल बाद पिता और पुत्र को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है।

कोटा ।  हत्या के जुर्म में गुरुवार को एससी/एसटी कोर्ट ने 17 साल बाद पिता और पुत्र को दोषी मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने दोनों आरोपियों पर 26 हजार 400 रुपए का अर्थ दंड भी लगाया है।

 विशिष्ट लोक अभियोजक हितेश कुमार जैन ने बताया कि फरियादी राम विलास ने 23 फरवरी 2005 को पुलिस थाना सांगोद में रिपोर्ट दी थी। जिसमें बताया गया था कि वह ग्राम मालीहेड़ा में श्मशान घाट की वाउड्रीवाल पर कार्य कर रहा था। जहां उसका भाई रमेश व भतीजा नरेन्द्र आ गए और आते ही दोनों उसे गालियां देने लगे थे। उसके भाई रमेश ने मना किया तो नरेश चला गया और थोड़ी देर में अपने पिता रामकल्याण व पत्नी को बुला लाया। रामकल्याण और नरेश ने मिलकर भाई रमेश व नरेन्द्र के साथ मारपीट की। नरेश रमेश सिर पर धारदार हथियार से हमला किया तथा रामकल्याण ने नरेन्द्र के सिर पर धारदार हथियार से हमला किया। इसके दोनों नीचे गिर गए। नीचे गिरने के बाद दोनों पिता - पुत्र ने रमेश और नरेन्द्र के साथ लाठियां व धारदार हथियार से ताबड़तोड़ वार किए। इसके बाद दोनों ने शोर मचाया तो वहां हेमराज, मुकुट, लोकेश, रामविलास दौड़कर आए। इसके बाद दोनों बाप बेटे मौके से फरार हो गए। दोनों घायलोंं को सांगोद अस्पताल  ले जाया गया।  गंभीर हालत होने पर दोनों को एमबीएस अस्पताल कोटा रैफर किया गया। जहां उपचार के दौरान रमेश की मृत्यु हो गई। जबकि नरेन्द्र का उपचार चल रहा था। मामले में पुलिस ने आरोपी नरेश पुत्र रामकल्याण, रामकल्याण पुत्र भंवरलाल निवासी मालीहेड़ा के खिलाफ हत्या, मारपीट, एसी/एसटी एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया।  मामले में पुलिस ने दोनों पिता-पुत्र को गिरफ्तार किया और जेल भेज दिया गया।
 ट्रायल के दौरान अभियोजन पक्ष की ओर से 25 गवाहों के बयान करवाए गए। न्यायाधीश ने मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद नरेश व रामकल्याण को उम्रकैद की सजा सुनाई है। अदालत ने 26 हजार 400 रुपए का अर्थ दंड भी दिया है।

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