पुलिस-तस्करों के बीच मुठभेड़, फायरिंग में एक घायल
दो तस्कर दबोचे, एक को अस्पताल में भर्ती कराया, दूसरे को लिया रिमांड पर, 25 लाख का डोडा पोस्त व पिकअप जब्त
बिजयनगर रोड पर सेदरिया पुलिया के पास बुधवार रात नाकाबंदी के दौरान पुलिस और डोडा पोस्त तस्करों के बीच मुठभेड़ हो गई। दोनों ओर से फायरिंग में एक तस्कर घायल
ब्यावर। बिजयनगर रोड पर सेदरिया पुलिया के पास बुधवार रात नाकाबंदी के दौरान पुलिस और डोडा पोस्त तस्करों के बीच मुठभेड़ हो गई। दोनों ओर से फायरिंग में एक तस्कर घायल हो गया। जिसे राजकीय अमृतकौर चिकित्सालय में भर्ती कराया गया। पुलिस ने दो आरोपियों को पकड़ा है। वहीं पिकअप को जब्त कर 7 क्विंटल से अधिक डोडा पोस्त बरामद किया है। मादक पदार्थ की कीमत करीब 25 लाख रुपए बताई जा रही है।
सहायक पुलिस अधीक्षक सुमित मेहरड़ा ने बताया कि बुधवार रात सेदरिया पुलिया के समीप अवैध हथियार रखने वाले बदमाशों की धरपकड़ के लिए सिटी थाना पुलिस की ओर से नाकाबंदी की गई थी। इस दौरान बायला की ओर से एक बिना नंबरी पिकअप जीप आई। जिसे रूकवाने का प्रयास किया। पुलिस को देख चालक ने पिकअप को वापस घुमा लिया और पुलिस वाहन को टक्कर मार कर भागने लगा। जब पुलिस ने पीछा किया तो पिकअप चालक ने पुलिस दल पर फायर कर दिया। जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी गोल चलाई। जो पिकअप चालक चाड़ो का बाड़िया रामगढ़ थाना मसूदा निवासी संपत पुत्र श्रवण गुर्जर के पैर में जा लगी। पुलिस ने उसे दबोच लिया और उसके कब्जे से अवैध देशी पिस्टल एवं राउंड बरामद किए हैं। जबकि उसके साथी सुखदेव पुत्र जीवन भाट निवासी गोपला का नाका रामगढ़ पुलिस थाना मसूदा को गिरफ्तार कर लिया गया है।
पुलिस पिकअप को जब्त कर थाने ले आई। जिसकी तलाशी में 731.240 क्विंटल डोडा पोस्त भरा मिला है। जिसकी कीमत तकरीबन 25 लाख रुपए बताई जा रही है। खास बात यह रही कि पूरी कार्रवाई सिटी थाना पुलिस ने की है। लेकिन पिकअप व तस्करों को जहां से पकड़ा वह क्षेत्र सदर थाने का है। जिसके चलते गुरुवार को सिटी पुलिस ने मामला सदर थाना पुलिस के हवाले किया गया। उधर बताया जाता है कि रात्रि के समय सेदरिया क्षेत्र में तस्करों एवं पुलिस के बीच फायरिंग से क्षेत्र के लोग भी सहम गए।
कार्रवाई में यह थे मौजूद
कार्रवाई के दौरान सहायक पुलिस उपनिरीक्षक प्रकाशराम, हैड कांस्टेबल जितेन्द्रसिंह, जगमोहन ब्यावर सिटी, महेन्द्र किलक मसूदा, कांस्टेबल रामनिवास, जसवंत, रामलाल वृत कार्यालय ब्यावर, पीयूष, प्रकाशराम भील कोर मेवाड़ हाल कैम्प ब्यावर शामिल थे। जिन्होंने अपनी जान जोखिम में डाल कर तस्करों की धरपकड़ की।
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