25 करोड़ का नुकसान होने के बाद खुले एमएसपी केन्द्र
राजफेड के चना समर्थन मूल्य के नौ केंद्र हुए शुरू, बारां के तीन केंद्र अब तक नहीं खुले
लंबे इंतजार और 25 करोड़ के नुकसान के बाद आखिरकार राजफेड के समर्थन मूल्य पर चना खरीदी केंद्र खुल ही गए। जिससे किसानों को काफी राहत मिली है।
कोटा । लंबे इंतजार और 25 करोड़ के नुकसान के बाद आखिरकार राजफेड के समर्थन मूल्य पर चना खरीदी केंद्र खुल ही गए। जिससे किसानों को काफी राहत मिली है। हालांकि राजफेड के चना केंद्र देरी से खुलने से करीब 25 करोड़ रुपए का किसानों को अब तक नुकसान हो चुका है। तीन मई से जिले में 9 केंद्र शुरू हुए जिस पर किसान चना लेकर पहुंच रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि संभाग की सबसे बड़ी भामाशाह मंडी में इन दिनों रबी जिंसों की बंपर आवक हो रही है। मंडी में प्रतिदिन 1 लाख 25 हजार बोरी गेहूं की आवक हो रही है। मंडी के सारे नीलामी शेड माल से भरे हुए हैं। व्यापारियों द्वारा माल का उठाव नहीं करने से नए माल की नीलामी में परेशानी आ रही है। वहीं दूसरी और एफसीआई की ओर से 15 मार्च से समर्थन मूल्य खरीद केन्द्र शुरू करने के बावजूद खरीद केन्द्रों पर जिंसों को बेचने के प्रति किसानों का रुझान नहीं है। दो माह होने आए अभी गिने चुने किसान ही समर्थन मूल्य केंद्र पर माल बचेने पहुंचे है। खरीद केन्द्रों पर किसान जाना ही पसंद नहीं कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि राज्य सरकार ने गेहूं 2015 रुपए, चना 5230 रुपए व सरसों 5850 रुपए समर्थन मूल्य रखा था। लेकिन मंडी में भाव ज्यादा मिलने से किसानों का रुझान केंद्र पर माल बेचने में कम नजर आ रहा है। हालांकि किसानों ने समर्थन मूल्य पर गेहूं, चना व सरसों बेचने के लिए रजिस्ट्रेशन करा रखा है। लेकिन समर्थन मूल्य पर खरीद की जाने वाली जिंसों का बाजार भाव समर्थन मूल्य से ज्यादा होने से किसान अपनी जिंस को समर्थन मूल्य खरीद केन्द्र पर नहीं ला रहे हैं। मंडी में बने केंद्रों पर अधिकारी कर्मचारी किसानों के इंतजार करते नजर आ रहे हंै। पिछली बार जहां किसानों ने जमकर समर्थन मूल्य पर अपनी जिंसे बेची थी इस बार उनका रुझान घटा है।
उल्लेखनीय है कि पिछले दो माह से कोटा संभाग में संचालित एफसीआई के समर्थन मूल्य खरीद केन्द्रों पर इक्का दुक्का किसान ही माल लेकर आ रहे हैं। उनका माल भी गुणवत्ता युक्त नहीं होने की बात कर कहकर रिजेक्ट कर दिया। जबकि संभाग में मार्च से ही गेहूं की कटाई का सिलसिला शुरू हुआ जो अप्रैल के प्रथम सप्ताह में खत्म हो गया है। कोटा सम्भाग में एफसीआई खरीद केन्द्र 15 मार्च से शुरू हो चुके। सम्भाग में 6 लाख मैट्रिक टन गेहूं की खरीद का लक्ष्य रखा था जिसमें कोटा जिले में 2.35 लाख, बूंदी में 2.10 लाख, बारां में 75 हजार, सवाईमाधोपुर में 25 हजार व झालावाड़ में 55 हजार मिट्रिक था। संम्भाग के सभी केन्द्रो पर अभी तक गिने चुने किसान ही गेहूं बेचने आ रहे है। ऐसे में 2 लाख 40 हजार मिट्रिक टन गेहूं खरीदने का लक्ष्य पूरा होने में संशय बना हुआ है।
जटिल प्रक्रिया से एक माह देरी से हुए टेंडर
राजफैड के समर्थन मूल्य खरीद केन्द्र 1 अप्रैल से शुरू होने थे। लेकिन जटिल टेंडर प्रक्रिया से एक माह देरी से 3 मई को केंद्र शुरू हुए। कोटा सम्भाग में गेहूं खरीद के 39, चना व सरसों के 11 केन्द्र शुरू करने थे। हैंडलिंग व परिवहन की टैण्डर प्रक्रिया पिछली बार से जटिल होने के चलते इस बार टेण्डर प्रक्रिया में किसी के भाग नहीं लेने से केन्द्र एक माह बाद शुरू हो पाए। जानकारी के अनुसार कोटा झालावाड़ में तीन-तीन बार टेण्डर प्रक्रिया जारी करने के बाद भी टेण्डर नहीं हो पा पाए अब जाकर टेंडर हुए है। बूंदी में चना सरसों के सभी खरीद केन्द्रों के टेण्डर हो चुके, वहीं बारां में तीन खरीद केन्द्रों के टेण्डर हो पाए है। सम्भाग में तिलम संघ के 25 खरीद केन्द्र 15 मार्च से चालू होने थे। इनमें से 20 खरीद केन्द्रों की टेण्डर प्रक्रिया पूरी हो गई और स्वीकृति के लिए जयपुर भेज रखा है। साथ ही करीब 4 खरीद केन्द्र की ट्रेण्डर प्रक्रिया अभी बाकी है। अभी बूंदी कापरेन, नैनवां, देही, बारां में अप्रैल के अंतिम सप्ताह में को केंद्र शुरू हुए।
जिलों में रबी फसलों की खरीद के लिए 11 केन्द्र बनाए
जिला रसद अधिकारी गोरधन लाल मीणा ने बताया कि जिले में गेंहू, चना व सरसों की खरीद समर्थन मूल्य पर की जाएगी। गेंहू, सरसों, चना की उपज खरीद के लिए खातौली, ईटावा, चेचट, सुकेत ,रामगंजमंडी, कुदनपुर, बपावरकला, सांगोद, सुल्तानपुर कोटा सहित 11 केन्द्र बनाए गए हैं। उन्होंने बताया गेंहू की उपज खरीद के लिए अनुमानित 2 लाख 40 हजार मैट्रिक टन का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने खरीद केन्द्रों की व्यवस्थाओं के बारे जानकारी दी। उन्होंने बताया कि मण्डियों में चने की अधिक आवक को देखते हुए बेहतर कार्य योजना तैयार की है।
इनका कहना है
राजफेड की ओर से समर्थन मूल्य पर चना खरीद केंद्र शुरू हो गए है। जिले में 9 केंद्र शुरू हुए है। वहीं बारां के तीन केंद्र अभी शुरू नहीं हुए है। केंद्र खुलने के बाद से ही बड़ी संख्या में किसान केंद्रो पर चना लेकर पहुंच रहे है।
-विष्णु शर्मा, लेखा अधिकारी राजेफेड कोटा
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