मादा बंदर बच्चे को पेड़ पर ही छोड़ा
तत्परता दिखाते हुए बच्चे को पेड़ से नीचे उतारा
जंतर-मंतर स्मारक में एक मादा बंदर बच्चे को जन्म देकर उसे पेड़ पर ही छोड़कर चली गई। इसके बाद स्मारक में ड्यूटी पर तैनात स्टाफ और होमगार्ड्स ने तत्परता दिखाते हुए बच्चे को पेड़ से नीचे उतारा।
जयपुर। जंतर-मंतर स्मारक में एक मादा बंदर बच्चे को जन्म देकर उसे पेड़ पर ही छोड़कर चली गई। इसके बाद स्मारक में ड्यूटी पर तैनात स्टाफ और होमगार्ड्स ने तत्परता दिखाते हुए बच्चे को पेड़ से नीचे उतारा। हुआ यूं कि दोपहर करीब 12 बजे एक मादा बंदर ने पेड़ पर बच्चे को जन्म दिया। इसके बाद पेड़ से नीचे उतरी और बेसुध हो गई। उसकी यह हालत देखकर स्टाफ ने उसको रोटी खिलाई और परिंडे में पानी भरकर रख दिया। करीब एक से डेढ़ बजे के बीच मां अपने बच्चों को संभालने के बजाए नगर निगम हेरिटेज की बिल्डिंग की ओर भाग गई। बच्चा पेड़ की डाली पर लटक रहा, जिसे स्टाफ ने पेड़ के पास सीढ़ी लगाकर नीचे उतारने की कोशिश की। साथ ही ऐहतियात के तौर पर नीचे चद्दर पकड़कर होमगार्ड के जवान खड़े थे, ताकि अगर बच्चा पेड़ से नीचे गिरे तो उसे चोट ना लगे। जंतर-मंतर स्मारक के सहायक प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि मादा बंदर के बच्चे को जन्म देने के बाद उसे पेड़ पर ही छोड़ गई थी। बच्चा पेड़ से नीचे ना गिरे, इसलिए उसे सावधानी से नीचे उतारा।
बन गया आंखों का तारा
मां के जाने पर स्टाफ ने इस बंदर के बच्चे को बोतल से पानी और दूध पिलाया। कुछ घंटों में ही वह स्टाफ की आंखों का तारा बन गया। उसे देखने वालों के चेहरों पर अजीब सी खुशी थी। होमगार्ड के जवान और स्टाफ ने बच्चे की मां को नगर निगम और बिजली बोर्ड की छत पर ढूंढा, लेकिन वह कहीं नहीं दिखाई दी। वन्यजीवों के लिए कार्य करने वाली संस्थाओं को भी इसकी सूचना दी गई। इस बीच मादा बंदर करीब 3 बजे आई और उसके पास थोड़ी देर बैठने के बाद उसे छोड़कर चली गई। अगर को मां नहीं आती है, तो बच्चे को जयपुर चिड़ियाघर छोड़ा जा सकता है।
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