प्रदेश में 43 शहरों और 4142 गांवों में टैंकर बुझा रहे प्यास
बूस्टर के खिलाफ अभियान शुरू होगा
गर्मियों में पानी की किल्लत के साथ ही अवैध बूस्टर की शिकायतें भी विभाग के लिए किसी तरह की मुसीबत से कम नहीं है। हर साल की तरह फिर से पुराना राग अलापते हुए अवैध बूस्टर के खिलाफ अभियान शुरू होगा।
जयपुर। गर्मियों में पानी की किल्लत के साथ ही अवैध बूस्टर की शिकायतें भी विभाग के लिए किसी तरह की मुसीबत से कम नहीं है। हर साल की तरह फिर से पुराना राग अलापते हुए अवैध बूस्टर के खिलाफ अभियान शुरू होगा। दूसरी ओर राज्य के 43 शहरों में 3033 टैंकर तथा 25 जिलों के 4142 ग्रामीण क्षेत्रों में प्रतिदिन 3621 टैंकरों के माध्यम से पीने का पानी पहुंचाया जा रहा है। पीएचईडी के एसीएस डॉ. सुबोध अग्रवाल ने शुक्रवार को वीसी के जरिए पेयजल प्रबंधन की समीक्षा की। उन्होंने अवैध बूस्टर्स के खिलाफ जिला प्रशासन एवं पुलिस के सहयोग से अभियान चलाने के निर्देश दिए और कहा कि अवैध बूस्टर्स की शिकायत मिलने पर टीम बनाकर एक्शन किया जाए। जयपुर शहर में अवैध बूस्टर्स की अधिक शिकायतों को देखते हुए इसके खिलाफ सघन अभियान चलाने की जरूरत है।
ग्रामीण क्षेत्रों में टैंकरों पर सख्त निगरानी
शहरों की तर्ज पर गांवों में टैंकरों से पानी सप्लाई किया जा रहा है, लेकिन कई जगह से शिकायतें मिल रही हैं कि डिमांड वाले लोगों को पानी नहीं मिल रहा है। ऐसे में एसीएस ने अधिकारियों को ज्यादा से ज्यादा फील्ड में दौरे कर टैंकरों की निरागनी पर सख्ती करने के निर्देश दिए।
रेल से परिवहन
ग्रामीण क्षेत्रों में 16164 गांव-ढाणियों में पेयजल के लिए 86.89 करोड़ तथा 143 शहरों के लिए 29.11 करोड़ की जारी किए है। पाली शहर में रेल मार्ग से जल परिवहन के लिए 19.63 करोड़ की राशि जारी की गई है और वहां रेल के जरिए रोज 60 लाख लीटर से अधिक पानी का परिवहन किया जा रहा है।
500 अतिरिक्त कॉन्ट्रेक्टर लेबर एवं 50 वाहन मंजूर
प्रदेश में हैण्डपंपों की मरम्मत, पेयजल योजनाओं के रख-रखाव तथा कंटीजेंसी कार्यों के लिए 31 अगस्त तक 500 अतिरिक्त कॉन्ट्रेक्टर लेबर एवं 50 वाहन ठेके पर लिए जाएंगे। जलदाय ने इसके आदेश जारी कर दिए गए हैं। एजेंसियों के माध्यम से कॉन्ट्रेक्ट पर लिए गए इन अतिरिक्त वाहनों एवं मजदूरों से संभाग एवं जिलों में एसीई एवं एसई की निगरानी में लिया जाएगा।
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