अब पार्टी का कर्ज चुकाने का है समय : सोनिया
पार्टी में जो भी जरुरी संगठनात्मक बदलाव करने होंगे
कांग्रेस के तीन दिवसीय चिंतन शिविर का पूरा फोकस होने वाला लोकसभा चुनाव होगा। इसके लिए संगठन को सुदृढ़, गतिशील एवं अनुशासित किया जाएगा।
नई दिल्ली। कांग्रेस के तीन दिवसीय चिंतन शिविर का पूरा फोकस होने वाला लोकसभा चुनाव होगा। इसके लिए संगठन को सुदृढ़, गतिशील एवं अनुशासित किया जाएगा। इसके लिए पार्टी में जो भी जरुरी संगठनात्मक बदलाव करने होंगे। वह किए जाएंगे। पार्टी मुख्यालय में करीब दो घंटे चली कांग्रेस कार्यसमिति की बैठक में इस रोडमैप को हरी झंडी दी गई। पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बैठक की शुरुआत में कहा कि अब वक्त पार्टी का कर्ज चुकाने का है। पार्टी के पुनरुद्वार के लिए एकजुटता एवं अनुशासन बेहद जरुरी है। सीडब्ल्यूसी की बैठक में सोनिया गांधी के अलावा पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी एवं राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत तमाम पार्टी के दिग्गज नेताओं ने हिस्सा लिया। बैठक की शुरुआत में सोनिया गांधी ने कहा कि पार्टी ने अपने नेताओं को आगे बढ़ाया है। उन्हें राजनीति में स्थापित किया एवं पद दिया। ऐसे में अब समय आ गया है कि वह भी पार्टी को अपनी क्षमता के अनुसार दें। बाद में सोनिया गांधी द्वारा बनाए गए छह अलग-अलग समूहों के प्रमुखों ने अपनी रिपोर्ट पेश। जिस पर बैठक में चर्चा हुई।
जी-23 के नेता भी हुए शामिल
पार्टी नेतृत्व से असंतुष्ट चल रहे धड़े जी-23 के नेता भी बैठक में पहुंचे। इसमें गुलाम नबी आजाद, भूपिन्दर सिंह हुड्डा एवं आनंद शर्मा जैसे नेता शामिल थे।
चिंतन शिविर में यह नेता लेंगे हिस्सा
चिंतन शिविर में कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य, इसके स्थाई एवं विशेष आमंत्रित सदस्य हिस्सा होंगे। कांग्रेस के लोकसभा एवं राज्यसभा के सांसद, सभी राज्यों के कांग्रेस अध्यक्ष, पूर्व कैबीनेट एवं स्वतंत्र प्रभार वाले मंत्री, पार्टी के विभिन्न विधानसभाओं में नेता प्रतिपक्ष, महिला, युवा एवं एनएसयूआई के सभी राष्टÑीय पदाधिकारी भी शिविर में मौजूद रहेंगे। इसके अलावा 50 वह लोग शामिल होंगे जिन्हें सोनिया गांधी ने विशेष तौर पर चर्चा के लिए चुना है। इसमें 30 से 35 फीसदी 40 साल से कम के लोग हैं और करीब 21 फीसदी महिलाएं होंगी।
Comment List