बिना आधार कार्ड अस्पताल पहुंचे तो होगी उपचार में परेशानी

एमबीएस में परेशान हो रहे कई मरीज, कार्ड दिखाए बिना नहीं बनेगी पर्ची ,ना होगा उपचार

बिना आधार कार्ड अस्पताल पहुंचे तो होगी उपचार में परेशानी

राज्य सरकार ने सरकारी अस्पतालों में मरीजों का उपचार तो नि:शुल्क कर दिया। लेकिन उपचार करवाने के लिए सरकारी अस्पतालों की व्यवस्थाओं के पार पाना मुश्किल होता जा रहा है। इसका एक उदाहरण है बिना आधार कार्ड के अस्पताल में पर्ची काउंटर पर पर्ची ही नहीं बनेगी इलाज तो बाद में होगा।

कोटा। राज्य सरकार ने सरकारी अस्पतालों में मरीजों का उपचार तो नि:शुल्क कर दिया। लेकिन उपचार करवाने के लिए सरकारी अस्पतालों की व्यवस्थाओं के पार पाना मुश्किल होता जा रहा है। इसका एक उदाहरण है बिना आधार कार्ड के अस्पताल में पर्ची काउंटर पर पर्ची ही नहीं बनेगी इलाज तो बाद में होगा।

एक दिन के अवकाश के बाद सोमवार को सुबह जैसे ही अस्पताल खुला वैसे ही मरीजों की भीड़ उमड़ पड़ी। गर्मी अधिक होने से शहर व दूरदराज से आने वाले अधिकतर मरीज सुबह जल्दी ही अस्पताल पहुंच गए थे। जबकि कई ग्रामीण क्षेत्रों से आए थे। बीमार होने पर अस्पताल पहुंचने की इतनी जल्दी थी कि अधिकतर लोग अपने साथ किसी तरह का कोई पहचान दस्तावेज लेकर नहीं पहुंचे। जैसे ही मरीज व उनके तीमारदार एमबीएस अस्पताल में पर्ची काउंटर की कतार में खड़े होकर पर्ची बनवाने पहुंचे। वैसे ही काउंटर पर मौजूद कर्मचारी ने उनसे पहचान के लिए आधार कार्ड मांगा। अधिकतर लोगों के पास आधार नहीं मिला। ऐसे में कर्मचारी ने उनकी पर्ची नहीं बनाई। उसका कहना था कि पर्ची बनवाने के लिए आधार कार्ड या अन्य कोई पहचान कार्ड बताना होगा। जिनके पास आधार कार्ड नहीं थे उन्हें वहां से बैरंग ही लौटना पड़ा।

ऐसे कई मरीज शहर के थे तो कई ग्रामीण क्षेत्रों से आए हुए
कई मरीजों ने कर्मचारियों से आग्रह किया कि वे पांच या दस रुपए शुल्क लगता है वह लें ले और पर्ची बना दें जिससे वे डॉक्टर को दिखा सकेें। लेकिन कर्मचारी का कहना था कि पर्ची का कोई शुल्क नहीं है। पर्ची नि:शुल्क बनेगी लेकिन आधार कार्ड साथ लाना होगा। ऐसे में अधिकतर मरीज परेशान हुए और सरकारी व्यवस्था पर नाराजगी भी जाहिर की। ऐसे में आस-पास रहने वाले मरीज तो अपने घर से आधार कार्ड या अन्य पहचान कार्ड लेकर आए या किसी से मंगवा लिए। जबकि बाहर से आए लोग परेशान होते रहे। ऐसे मरीज जिनके पास पहचान संबंधी कोई भी दस्तावेज नहीं था उन्हें बिना उपचार के ही लौटना पड़ा। इनमें महिलाएं व बुजुर्ग भी शामिल थे। जानकारों के अनुसार अन्य राज्यों के मरीजों से शुल्क लेने के कारण स्थानीय मरीजों को भी परेशान होना पड़ रहा है। ऐसे में जो भी मरीज अस्पताल में उपचार के लिए जाए वह अपने साथ आधार कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस या अन्य पहचान संबंधी दस्तावेज साथ लेकर जरूर जाए।

इनका कहना है
राज्य सरकार ने भी आदेश जारी किया है। वह किसी एक अस्पताल के लिए नहीं सभी के लिए है। जिसमें राजस्थान के लोगों का नि:शुल्क उपचार होगा। पर्ची बनाने से लेकर जांच और दवा तक सभी नि:शुल्क मिलेंगे। जबकि राज्य के बाहर मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश व गुजरात से आने वाले मरीजों से शुल्क लिया जाता है। पर्ची बनाने से लेकर जांच व दवा तक सभी का शुल्क लगेगा। ऐसे में लोगों को पर्ची बनाते समय पहचान संबंधी 5-6 दस्तावेजों में से कोई भी एक दिखाना होगा। जिससे उसके राजस्थान व अन्य राज्यों के होने का सबूत मिल सके। सरकार द्वारा अन्य राज्यों के मरीजों की रिपोर्ट मांगी जा रही है। ऐसे में उन्हें क्या बताएंगे। जबकि पूर्व में कहा जा रहा था कि अन्य राज्यों के कई मरीज यहां उपचार के लिए आ रहे हैं। किसी को जायज परेशानी होने पर उसके साथ विचार कर काम कर दिया जाता है।
-डॉ. नवीन सक्सेना, अधीक्षक, एमबीएस अस्पताल

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