शादी से पहले प्री कॉन्सेप्शनल टेस्ट से मालूम हो सकती है शिशु में संभावित जेनेटिक बीमारी
आईसीबीडी-2024 के दूसरे दिन यूके के विख्यात जेनेटिक मेडिसिन एक्सपर्ट डॉ. धावेंद्र कुमार ने दी जानकारी
कॉन्फ्रेंस के ऑर्गनाइजिंग चेयरपर्सन डॉ. अशोक गुप्ता ने बताया कि कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन डॉ. नैमिष मेहता ने पीडियाट्रिक लिवर ट्रांसप्लांट की जानकारी दी।
जयपुर। बच्चे में संभावित जेनेटिक बीमारी का पता लगाने के लिए पति पत्नी अब प्रेग्नेंसी प्लान करने से पहले ही प्री कॉन्सेप्शनल टेस्ट कर सकते हैं। इससे समय पर संभावित खतरे का पता लग सकेगा और शिशु को उससे बचाया जा सकता है। महात्मा गांधी यूनिवर्सिटी ऑफ मेडिकल साइंसेज और द जीनोमिक मेडिसिन फाउंडेशन यूके की ओर से जन्मजात विकार के इलाज और स्क्रीनिंग पर आयोजित इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस आईसीबीडी-2024 में एक्सपर्ट्स ने कुछ ऐसी ही जानकारी दी। कॉन्फ्रेंस के ऑर्गनाइजिंग चेयरपर्सन डॉ. अशोक गुप्ता ने बताया कि कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन डॉ. नैमिष मेहता ने पीडियाट्रिक लिवर ट्रांसप्लांट की जानकारी दी। साथ ही जेनेटिक बीमारियों में नियोपलासिया, दुर्लभ कैंसर में नए जेनेटिक टेस्ट, कैंसर के जल्दी डायग्नोसिस में लिक्विड बायोप्सी की भूमिका जैसे विषयों पर अलग-अलग सेशन हुए। आयोजन समिति के अध्यक्ष डॉ. हेमंत मल्होत्रा ने बताया कि पैनल डिस्कशन में एक्सपर्ट्स ने कैंसर के जल्दी डायग्नोसिस ने जीनोमिक्स और दुर्लभ कैंसर में जेनेटिक्स के बारे में अपने विचार रखे।
टेस्ट से पता लगेंगे डिजीज कैरियर जीन
डॉ. धावेंद्र ने बताया कि कुछ देशों में तो शादी से पहले ही प्री कॉन्सेप्शनल टेस्ट कराने की गाइडलाइन है जिससे जेनेटिक बीमारी के मामले कम हो सके। इस टेस्ट से पति पत्नी में ऐसे एक तरह के जीन पता लगा सकते हैं जिनमें कोई जेनेटिक बीमारी है। अगर एक जैसे जीन मिलते हैं जो कोई न कोई जेनेटिक बीमारी के कैरियर होते हैं तो उनकी जेनेटिक काउंसिलिंग की जाती है और प्रेग्नेंसी की मॉनिटरिंग करके शिशु को उस बीमारी से बचाने का प्रयास किया जाता है।
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