जमानत के बाद अगले दिन बन जाते हैं मंत्री : सुप्रीम कोर्ट
याचिका पर वो नोटिस जारी नहीं कर रही है
कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को भी अपना रुख स्पष्ट करने को कहा। याचिका ट्रायल कोर्ट में शिकायतकर्ता के विद्या कुमार ने दायर किया है।
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कैश फॉर जॉब मामले से जुड़े मनी लाउंड्रिंग के मामले में गिरफ्तार तमिलनाडु के पूर्व मंत्री सेंथिल बालाजी को मिली जमानत को रद्द करने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा कि कोर्ट जमानत देती है और अगले दिन मंत्री बन जाते हैं। जस्टिस एएस ओका की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि इससे किसी को भी यह समझ आ जाएगा कि इससे गवाहों पर दबाव बन सकता है। आखिर यह क्यों हो रहा है। कोर्ट ने तमिलनाडु सरकार को भी अपना रुख स्पष्ट करने को कहा। याचिका ट्रायल कोर्ट में शिकायतकर्ता के विद्या कुमार ने दायर किया है।
याचिका में कहा गया है कि सेंथिल बालाजी को जमानत मिलने के तुरंत बाद उन्हें मंत्री बना दिया गया, जिसकी वजह से गवाहों पर प्रभाव और दबाव होगा और वह अपनी गवाही से मुकर सकते हैं। हालांकि कोर्ट ने कहा कि वो जमानत देने के आदेश को वापस नहीं लेगी क्योंकि इससे दूसरे लोगों को भी लाभ मिल सकता है। कोर्ट ने कहा कि इस याचिका पर वो नोटिस जारी नहीं कर रही है, लेकिन वो सिर्फ इस दलील पर विचार करेगा, जिसमें यह आशंका जताई गई है कि जमानत देने से क्या गवाह प्रभावित हो रहे हैं।
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