संगठन ढांचे में होगा बड़ा बदलाव, परिवारवाद और पैराशूटर्स पर लगेगा अंकुश
कांग्रेस नेता मलिकार्जुन खड़गे, प्रभारी अजय माकन और गौरव गोगोई ने बताया पार्टी शिविर का खाका
संसद में विपक्ष नेता मलिकार्जुन खरगे और अजय माकन ने चिंतन शिविर के बाद संगठन में होने वाले बड़े बदलावों की तरफ इशारा दिया
जयपुर। कांग्रेस के उदयपुर में जारी नव संकल्प चिंतन शिविर में पार्टी के प्रस्ताव और भविष्य में होने वाले बड़े बदलावों का खाका तैयार करने के विषय पर कांग्रेस नेता मलिकार्जुन खरगे प्रदेश प्रभारी अजय माकन और सांसद गौरव गोगोई ने मीडिया के सामने अपनी रणनीति बताई।
संसद में विपक्ष नेता मलिकार्जुन खरगे और अजय माकन ने चिंतन शिविर के बाद संगठन में होने वाले बड़े बदलावों की तरफ इशारा करते हुए कहा कि सबसे पहले कांग्रेस का संगठन आंतरिक रूप से मजबूत किया जाएगा उसके बाद हम समान विचारधारा वाले दलों को साथ लेकर मजबूत विपक्ष की भूमिका निभाएंगे। शिविर में उठने वाले मुद्दों के बाद यह तय हो गया है कि कांग्रेस में अब तेरा शूटर्स को टिकट नहीं मिलेगा और परिवारवाद पर काफी हद तक अंकुश लग जाएगा।
देशभक्ति पर हमारे प्रचार में खामी, फल भाजपा खाती:
खडगे ने कहा कि संवैधानिक संस्थाओं पर अतिक्रमण, लोकतंत्र पर अतिक्रमण, क्षेत्रीय दलों के साथ समझौता सहित कई बिंदुओं पर शिविर में राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा होगी। भाजपा हमेशा कांग्रेस को राष्ट्रीयता का पाठ पढ़ाती है। आजादी के आंदोलन के समय संघ और बीजेपी के लोग कहीं दिखते नहीं थे। प्रमुख मुद्दों से देश का ध्यान डायवर्ट किया जाता है। देशभक्ति के मामले में कांग्रेस का योगदान सभी जानते हैं, लेकिन हमारे प्रचार में खामी के कारण फल बीजेपी खा जाती है।
प्रदेश कांग्रेस प्रभारी अजय माकन ने कहा कि शिविर मे कुल 9 विषयो पर चर्चा होगी। राजनितिक और संगठन को लेकर दो महत्वपूर्ण विषय रखे गए हैं। जल्दी ही संगठन मे बहुत बडे बदलाव देखने को मिलेगा। समय के साथ संगठन का ढांचा नही बदला। समय के साथ जो आमूलचूल परिवर्तन होना चाहिए था। वह कांग्रेस ने नहीं किया। इस चिंतन शिविर के बाद बहुत बड़े बदलाव देखने को मिलेंगे। ब्लॉक और बूथ के बीच में 4-5 मंडल हर विधानसभा क्षेत्र में बनाए जाएंगे। अक्सर चुनाव से पहले ही सर्वे करवाये जाते। अब कांग्रेस पार्टी का इंटरनल सर्वे ग्रुप होगा ।
जो समय-समय पर सर्वे करेगा ।
हमारे यहां ऐसी धारणा है जो अच्छा काम करता है उसको इनाम नहीं मिलता और गलत करने वाले को पनिशमेंट नही मिलता। इस निर्णय के लिए एक अलग से विंग बनाई जाएगी। अनुशासन पार्टी में और मजबूत हो इस दिशा में भी कदम उठाए जाएंगे। ब्लॉक से लेकर हर कमेटी में 50 वर्ष की उम्र से कम लोगों का प्रतिनिधित्व हो यह भी तय होगा। एक परिवार से 2 लोगों को मौका तभी दिया जाएगा जब 5 साल संगठन कार्य किया हो। 5 वर्ष से अधिक किसी भी व्यक्ति को एक पद पर नहीं रखा जाएगा। उसके लिए 3 वर्ष का गेप जरूरी होगा।
इन मुद्दों के सियासी मायने:
नेताओं के इन बयानों से कई सियासी मायने सामने आए हैं। समय के हिसाब से संगठन में बड़े बदलाव के यह निर्णय अगर लागू हुए तो कांग्रेस के नेताओं में जारी परिवारवाद पर काफी हद तक अंकुश लग जाएगा। इसके अलावा पैराशूट लीडर्स के पर कतरने मैं भी अब कसर नहीं छोड़ी जाएगी। इस निर्णय का राजस्थान की राजनीति पर भी काफी हद तक प्रभाव दिखाई देगा। राजस्थान में भी बड़ी संख्या में नेताओं के बेटे बेटियों और परिवारजनों को अब तक टिकट मिलते आ रहे हैं। जिसमें कई मंत्री विधायक और वरिष्ठ कांग्रेस नेता शामिल है जिनके परिवार जनों को सांसद विधायक से लेकर निकाय और पंचायत चुनावों में भी जमकर परिवारवाद के नाम पर टिकट मिले हैं।
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