खेत पर किसान की गोली मार कर हत्या
कुम्हारिया बेरा में सनसनीखेज हत्याकांड: भाजपा नेताओं के साथ परिजन ने किया धरना-प्रदर्शन
कुम्हारिया बेरा में सनसनीखेज हत्याकांड: भाजपा नेताओं के साथ परिजन ने किया धरना-प्रदर्शन, मुआवजा राशि का कलक्टर भेजेंगे विशेष प्रपोजल पत्र, दो संदिग्ध हिरासत में
मदनगंज-किशनगढ़। उदयपुर कला गांव के कुम्हारिया बेरा क्षेत्र में खेत की रखवाली कर रहे किसान की गोली मार कर दी गई। सनसनीखेज वारदात के चलते दिनभर किशनगढ़ का माहौल गरमा गया। देर रात जंगल में शिकार की मंशा से गए दो युवकों को खेत पर रखवाली कर रहे दो भाइयों ने चोर समझकर घेर लिया। शिकार करने गए युवकों द्वारा टोपीदार बंदूक से फायर करने से कुम्हारिया बेरा निवासी नंदलाल जाट (38) पुत्र छोटूलाल जाट के सीने में बायीं ओर गोली जा धंसी। भाई व ग्रामीणों ने उसे लहूलुहान हालत में राजकीय यज्ञनारायण अस्पताल पहुंचाया। जहां पर चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना मिलते ही पुलिस उपाधीक्षक मनीष शर्मा व सीआई नरपतसिंह मय जाप्ते के मौके पर पहुंच गए और टीम गठित कर स्वयं अधिकारी भी जंगलों में अपराधियों की तलाश में सर्च के लिए निकल पड़े। देर रात हुई वारदात के बाद पुलिस द्वारा त्वरित लिए एक्शन के चलते खेत के पास ही सटे जंगल में दो संदिग्ध युवको को हिरासत में भी लिया है।
इधर सुबह होते-होते राजकीय यज्ञनारायण अस्पताल में रिश्तेदार, ग्रामीण व समाज के मोजबिन जमा होने लग गए। इस बीच भाजपा युवा नेता विकास चौधरी मौके पर पहुंचे और आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग व मृतक के परिवार को मुआवजा दिलाने की मांग रखते हुए धरने पर बैठ गए और शव लेने से इनकार कर दिया। करीब 2 घंटे बाद सांसद भागीरथ चौधरी, एडवोकेट विश्राम चौधरी, करतार चौधरी, रवि चौधरी, पंचायत समिति सदस्य सीमा अखावत सहित अन्य भी चीरघर के पास पहुंचे और परिवार को मुआवजा देने व आरोपियों को गिरफ्तार करने की मांग रखते हुए शव लेने से इनकार कर दिया। मौके पर उपखंड अधिकारी परसाराम सैनी, पुलिस उपाधीक्षक अजमेर बंशीलाल पांडर, पुलिस उपाधीक्षक (सिटी) मनीष शर्मा, पुलिस उपाधीक्षक (ग्रामीण) लोकेंद्र कुमार दादरवाल, शहर थाना सीआई नरपतसिंह, मदनगंज सीआई नेमीचंद, रूपनगढ़ थाना एसएचओ अयूब खान, बोराड़ा एसएचओ नियाज मोहम्मद मय जाप्ते के मौजूद रहे। सांसद चौधरी ने इस सम्बंध में जिला कलक्टर व एसपी से बात कर तत्काल मुआवजे की मांग करने की बात कहकर एमपी कोटे संभावना की जानकारी ली। सांसद चौधरी, युवा नेता विकास चौधरी, एडवोकेट विश्राम चौधरी सहित अन्य के आपसी वार्ता के बाद कलेक्टर से दूरभाष पर हुईं चर्चा के बाद मृतक के परिवार की सहायता के लिए 50 लाख रुपए का प्रपोजल भेजने की सहमति के बाद शव लेने पर आपसी सहमति बन सकी। एसडीएम परसाराम सैनी ने उक्त प्रपोजल के बारे में जानकारी देने के बाद करीब 6-7 घंटे तक चला मामला शांत हो पाया। बाद में पुलिस ने मेडिकल बोर्ड से पोस्टमार्टम करवाकर शव परिजन को सौंप दिया।
मृतक के भाई ने नामजद कराया मुकदमा दर्ज
मृतक के भाई सुखलाल पुत्र छोटूलाल जाट ने थाने में रिपोर्ट देते हुए बताया कि वह अपने भाई रंगलाल जाट के साथ खेत की रखवाली कर रहा था। रात करीब 12.10 बजे दो जने खेत में घुस आए। उन्होंने भागकर दोनों को बाइक सहित ही दबोच लिया था। भीलों की झोपड़िया निवासी दिनेश पुत्र पप्पू एवं एक उसका जीजा बताया जा रहा है। जब उनसे खेत में घुसने के बारे में पूछताछ कर रहे थे तो दिनेश उर्फ डेन्या ने हाथ में रखी बंदूक से फायर कर दिया। जो उसके भाई रंगलाल के सीने में लग गई। उन्होंने भागते हुए उनके साथ मारपीट भी की। उसने वो मोटरसाइकिल नहीं छोड़ी मगर वो फरार हो गए। इस बीच आस-पास के लोग भी वहां पर आ गए और रंगलाल को अस्पताल पहुंचाया। जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। जिस पर पुलिस ने भादसं की धारा 302, 323, 447 व 3/27 आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
आर्थिक सहयोग के बीच परिवार की बंधाई हिम्मत
अस्पताल परिसर में मृतक के परिवार को मुआवजा के लिए जाट नेता मौजूद उपखंड अधिकारी के माध्यम से कलक्टर से सम्पर्क में रहकर मुआवजे के लिए प्रयासरत थे। मृतक के 3 बेटियां व एक बेटा है। वह दिन में पास ही स्थित राजस्थान लिकर बियर फैक्ट्री में सुरक्षा गार्ड का कार्य भी करता था। विकास चौधरी ने मुआवजा राशि आने से पूर्व तत्काल सहायता की बात रखी। इस बीच सांसद भगीरथ चौधरी ने 50 हजार, युवा भाजपा नेता विकास चौधरी ने 51 हजार, पूर्व विधायक नाथूराम सिनोदिया ने 50 हजार, सरपंच राजकिशोर ने 11 हजार रुपए बतौर सहायता राशि मृतक के परिवार को देने की घोषणा की। मात्र एक माह पूर्व ही फैक्ट्री में आने के बावजूद राजस्थान लिकर बियर फैक्ट्री सिलोरा के राजीव शर्मा ने मृतक की तनख्वाह यथावत जारी रखते हुए परिवार को देने का आश्वासन दिया जो सराहनीय रहा।
डीएसपी व पुलिस टीम ने तपती धूप में छाना जंगल
हत्याकांड की जानकारी मिलने के बाद मृतक के भाई एवं ग्रामीणों से फायरिंग करने वालों के बारे में मिली पहचान और उनके जंगल में होने के संकेत पर उपाधीक्षक मनीष शर्मा के नेतृत्व में पुलिस टीम आरोपी के घर की तलाशी के बाद जंगल की ओर निकल गई। एक टीम आरोपी के घर के बाहर तैनात कर दी गई। पुलिस की त्वरित एक्शन प्रणाली के चलते पुलिस आरोपी तक पहुंचने में तकरीबन सफल हो गई। संदिग्ध रूप से पकड़े गए आरोपियों से पूछताछ की जा रही है। मामले का खुलासा देर रात तक होने की संभावना है।
एसटीएफ व अतिरिक्त जाप्ता भी पहुंचा
पीएमओ के धरना स्थल पर पहुंचने के बाद जैसे ही माहौल खराब होने की संभावना हुई तो पुलिस अधिकारियों ने तत्काल एसटीएफ टीम व अतिरिक्त पुलिस जाप्ता बुलवा लिया। दोनों टीमों के जवानों ने चीरघर के बाहर पहुंचकर मोर्चा संभाल लिया। हालांकि, जनप्रतिनिधियों की समझाइश के बाद मामला शांत होने से ऐसी कोई आवश्यकता नहीं पड़ी।
अतिक्रमण भी हटाने के निर्देश
हत्याकांड के दौरान सामने आया कि जिन पर हत्या का आरोप लगा है वे सरकारी एवं चरागाह की जमीन पर अवैध निर्माण करने में जुटे हुए हैं। जिस पर सांसद भागीरथ चौधरी ने एसडीएम सैनी को उक्त मामले की जांच कर तत्काल उनके अतिक्रमण हटाने की मांग की। इस दौरान सांसद ने पुलिस की प्रणाली पर भी सवाल उठाते हुए खरी-खोटी सुनाई।
पीएमओ से धक्का-मुक्की, गरमाया माहौल
हत्या के बाद जिस वक्त लोग धरने पर बैठे थे उसी दौरान चीरघर में डी-फ्रीज के अभाव में शव को बर्फ की सिल्ली पर रखने पर जनप्रतिनिधियों ने आक्रोश दर्ज कराते हुए व्यवस्थाओं पर सवाल उठाया। भाजपा नेता विकास चौधरी जब 9 बजे पहुंचे तो शव डी-फ्रीज में नहीं होने पर जिला अस्पताल के बावजूद उक्त स्थिति पर चिंता जताते हुए उन्होंने बर्फ की मांग उठाई। पुलिस ने व्यवस्था करते हुए शव को बर्फ की सिल्ली पर रखवा दिया। लेकिन यही बात गहमा-गहमी के दौरान फिर गूंज उठी। सांसद चौधरी ने डी-फ्रीज को लेकर पहले कलक्टर को शिकायत दर्ज कराई ओर फिर पीएमओ डॉ. अशोक जैन को मौके पर ही आने के निर्देश दिए। पीएमओ डॉ. जैन के धरने के बीच पहुंचने पर वे डी-फ्रीज को लेकर कुछ जवाब देते उससे पहले ही माहौल गरमा गया। जिसे देखकर पीएमओ रवाना होने लगे तो एक आक्रोशित युवक ने उनका हाथ तक पकड़ लिया और कुछ युवकों ने उन पर हाथ उठाने का प्रयास किया। धक्का-मुक्की जैसे हालात देखकर एकबारगी दोनों-तीनों जनप्रतिनिधि भी अचंभित रह गए। उन्होंने पुलिस व मोजबिन लोगों की मदद से तत्काल पीएमओ को बचाते हुए भीड़ को रोकने का सफल प्रयास किया। पलक झपकते ही पुलिस उपाधीक्षक बंशीलाल पांडर, पुलिस अधीक्षक लोकेंद्रकुमार, सीआई नेमीचंद, सीआई नरपतसिंह, एसएचओ अयूब खान एवं पुलिसकर्मी बीच में पहुंचे और बामुश्किल मशक्कत कर पीएमओ डॉ. जैन को वहां से सुरक्षित निकालने में कामयाब हो पाए।
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