तीन माह में भी तैयार नहीं हो पाई डिजिटल सर्वे रिपोर्ट
अतिक्रमण की शिकायत पर किया था सर्वे
कर्णेश्वर महादेव मंदिर की जमीन पर अतिक्रमण का मामला।
कोटा। शहर के प्रमुख देवालय कर्णेश्वर महादेव मंदिर की रायपुरा क्षेत्र स्थित जमीन पर हो रहे अतिक्रमण के सम्बंध में तीन माह पहले किए गए डिजिटल सर्वे की रिपोर्ट अभी तक तैयार नहीं हो पाई है। इससे जमीन से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई अटकी हुई है। विभिन्न सरकारी विभागों की संयुक्त टीम द्वारा अगस्त माह में डिजिटल सर्वे किया गया था। संयुक्त टीम ने सेटेलाइट के माध्यम से जमीन की स्थिति देखकर नापजोख किया था। डिजिटल सर्वे में देवस्थान विभाग के अधीन इस मंदिर की जमीन पर भूमाफियाओं द्वारा अतिक्रमण होना पाया गया था। राजस्व विभाग की ओर से डिजिटल सर्वे की रिपोर्ट तैयार करनी थी, लेकिन तीन माह से अधिक समय निकलने के बाद भी रिपोर्ट तैयार नहीं हो पाई है।
देरी का यह बता रहे कारण
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि डिजिटल सर्वे के लिए संयुक्त टीम गठित की गई थी। संयुक्त टीम ने ही रायपुरा क्षेत्र में सर्वे किया था। इसकी रिपोर्ट राजस्व विभाग की ओर से तैयार करनी थी। वहां पर कर्मचारियों की कमी के कारण रिपोर्ट तैयार होने में समय लग रहा है। सर्वे की पूरी डिटेल रिपोर्ट मिलने के बाद उसे जयपुर उच्चाधिकारियों के पास भेजा जाएगा। वहां से दिशा-निर्देश मिलने के बाद आगामी कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन के निर्देश पर गठित की थी टीम
देवस्थान विभाग के अधिकारियों के अनुसार रायपुरा क्षेत्र में मोटा महादेव के पास कर्णेश्वर महादेव मंदिर के नाम करीब 15 बीघा जमीन दर्ज है। इस जमीन के आसपास काफी कॉलोनियों बन गई हैं। इन कॉलोनियों का लगातार विस्तार होता जा रहा था। कृषि भूमि की आड़ में भूमाफियाओं ने देवस्थान विभाग की बेशकीमती जमीन पर भी कब्जा शुरू कर दिया था। अतिक्रमण की गतिविधियां बढ़ती जा रही थी। इस पर विभाग ने अतिक्रमण का डिजिटल सर्वे करने का निर्णय किया था। इसके लिए राजस्व विभाग, देवस्थान विभाग और लाडपुरा तहसील के कार्मिकों की संयुक्त टीम गठित की गई थी।
जमीन बेशकीमती होने से काबिज हुए अतिक्रमी
रायपुरा क्षेत्र में कृषि भूमि पर धड़ल्ले से भूखंड बेचे जा रहे थे। कृषि भूमि के बीच में देवस्थान विभाग के अधीन मंदिरों की भूमि है। कृषि भूमि की आड़ में मंदिरों की भूमि पर भूमाफियाओं ने कब्जा कर लिया था। रायपुरा क्षेत्र में जमीनें काफी बेशकीमती है। इस कारण सरकारी भूमि पर अतिक्रमण बढ़ता ही जा रहा था। कर्णेश्वर मंदिर की जमीन पर अतिक्रमण का दायरा बढ़ने के कारण विभाग को यहां पर डिजिटल सर्वे करवाना पड़ा। विभागीय अधिकारियों का कहना है कि मंदिर की जमीन की काफी संख्या में मकान बन गए हैं। डिजिटल रिपोर्ट मिलने के बाद उच्च अधिकारियों के निर्देश पर इस सम्बंध में आगामी कार्रवाई की जाएगी।
देवस्थान विभाग के पास नहीं संसाधन
देवस्थान विभाग के अधिकारियों को मंदिरों की जमीनों पर हो रहे अतिक्रमण की जानकारी तो हैं, लेकिन वह अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं। इन जमीनों पर हो रहे अतिक्रमण पर कार्रवाई नहीं हो पाने की बड़ी वजह ये है कि विभाग के पास कार्मिकों की फौज नहीं है और जो है वे कार्रवाई करने के लिए सक्षम नहीं है। इस कारण सरकारी जमीनों से अतिक्रमण नहीं हट पा रहा है। इसी व्यवस्था का फायदा अतिक्रमी उठा रहे हैं और मंदिरों की जमीनों पर कब्जा करने में जुटे हुए हैं।
कर्णेश्वर महादेव मंदिर के नाम दर्ज जमीन का डिजिटल सर्वे का कार्य पूरा हो गया है। सर्वे में मंदिर की जमीन पर अतिक्रमण होना पाया गया है। अभी तक सर्वे की रिपोर्ट तैयार नहीं हो पाई है। कर्मचारियों की कमी के कारण विलम्ब हो रहा है। रिपोर्ट मिलते ही इस सम्बंध में आगामी कार्रवाई की जाएगी।
- ओमप्रकाश, प्रबंधक, देवस्थान विभाग कोटा
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