जर्जर नहरों के सीपेज के पानी से फसल हो रही बर्बाद

नहर की सुरक्षा दीवार को लेकर ग्रामीणों ने जताई नाराजगी

जर्जर नहरों के सीपेज के पानी से फसल हो रही बर्बाद

सुरक्षा दीवार के अभाव में किसानों और राहगीरों की अनहोनी घटना हो जाती है और नहर पक्की ना होने के कारण पानी के सीपेज से सैंकड़ों बीघा जमीन की फ सल बर्बाद हो जाती है।

गामछ। बैराज से निकल रही बड़ी नहर लंबे समय से मेहराना तीरथ के ग्रामीण किसान सुरक्षा दीवार और नहर पक्की करवाने की मांग कर रहे हैं। सुरक्षा दीवार के अभाव में किसानों और राहगीरों की अनहोनी घटना हो जाती है और नहर पक्की ना होने के कारण पानी के सीपेज से सैंकड़ों बीघा जमीन की फ सल बर्बाद हो जाती है। सिंचाई नहर कोटा से सींता तक पक्की और सुरक्षा दीवार है। मेहराना चैन 220 से 270 व तीरथ चेन 270 से 320 तक नहर कच्ची व सुरक्षा दीवार नहीं है।

चैन नंबर 320 नाले की दिवार क्षतिग्रस्त है। इस नहर से कापरेन व केशरायपाटन क्षेत्र में जल प्रवाह व सिंचाई होती है। इस कारण मेहराना चैन नंबर 220 से 270 तीरथ  चैन नंबर 270 से 320 पर सिंचाई के समय पानी का दबाव बना रहता है। प्रशासन ने ध्यान नहीं देने पर ग्रामीण किसान आक्रोश में है। जल्द कार्य शुरू नहीं हुआ तो मेगा हाईवे पर जाम करके उग्र आंदोलन के लिए तैयार हो जाएंगे। मेहराना गांव से राजू सुमन, महावीर सुमन,हेमराज मीणा, प्रेम शंकर,लोकेश मीणा, इरफ ानए व तीरथ गांव से वार्ड पंच हरिप्रसाद प्रजापत,धनराज मीणा, रामदेव मीणा, कवरलाल, राजू मेहरा, लोकेश,घीसीबाई, राजीबाई, मनभर बाई, धापू बाई,संजू बाईंए, छोटी बाई, मंजू,राम कवरि, शांति, सुगना, कांति, कस्तूरी,कंचन,निर्मला, राजेश,  रामकन्या, कौशल्या, सोनिया, संतोष, इंदिरा, कंचन बाई,बसंती बाई,ममता बाई, छोटीबाई, रुक्मणी बाई, गीताबाई, कमलेश बाई, विद्या बाई, पुष्पा बाई,माया बाई, निर्मला, निहाल, आनंदीबाई, लाड़बाई, गीताबाई,द्रोपती, भैरी बाई,ललिता बाई, कलावती बाई, भूली बाई,नंदकवरी बाई, प्रभुली बाई, महिलाओं में आक्रोश व्याप्त है।
 
टेंडर के अभाव में यह कार्य रुका हुआ है। टेंडर खुलेंगे तो कार्य चालू हो जाएगा।
 -रविंद्र जैन, नहर जेईन

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