21वीं सदी के भारत में प्रगति को निर्धारित करेगा कनेक्टिविटी : मोदी
टास्क फोर्स काम करना शुरु कर चुकी है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वदेश निर्मित 5 जी टेस्ट बेड के राष्ट्र को समर्पित करते हये कहा कि 21वीं सदी के भारत में कनेक्टिविटी देश की प्रगति को निर्धारित करेगा और इस दशक के अंत तक देश में 6जी सेवायें भी शुरू की जायेगी, इसके लिए भी टास्क फोर्स काम करना शुरु कर चुकी है।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वदेश निर्मित 5 जी टेस्ट बेड के राष्ट्र को समर्पित करते हये कहा कि 21वीं सदी के भारत में कनेक्टिविटी देश की प्रगति को निर्धारित करेगा और इस दशक के अंत तक देश में 6जी सेवायें भी शुरू की जायेगी, इसके लिए भी टास्क फोर्स काम करना शुरु कर चुकी है। मोदी ने यहां दूरसंचार नियामक ट्राई के जयंती के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुये कहा कि ये सुखद संयोग है कि इस संस्था ने 25 साल पूरे किए है, तब देश आजादी के अमृतकाल में अगले 25 वर्षों के रोडमैप पर काम कर रहा है। नए लक्ष्य तय कर रहा है। थोड़ी देर पहले मुझे देश को अपना, स्वदेश निर्मित 5जी टेस्ट बेड राष्ट्र को समर्पित करने का अवसर मिला है। ये टेलिकॉम सेक्टर में क्रिटिकल और आधुनिक टेक्नॉलॉजी की आत्मनिर्भरता की दिशा में एक अहम कदम है। मैं इस प्रोजेक्ट से जुड़े सभी साथियों को, आईआईटी को बधाई देता हूं। प्रधानमंत्री ने देश के युवाओं, शोधकर्ताओं और कंपनियों को इस टेस्टिंग फैसिलिटी का उपयोग 5जी टेक्नॉलॉजी के निर्माण के लिए करने के वास्ते आमंत्रित करते हुये कहा कि हमारे स्टार्ट अप के लिए अपने प्रोडक्ट टेस्ट करने का ये बहुत बड़ा अवसर है। 5जी आई के रूप में जो देश का अपना 5 जी स्टैंडर्ड बनाया गया है, वो देश के लिए बहुत गर्व की बात है।
ये देश के गांवों में 5जी टेक्नॉलॉजी पहुंचाने और उस काम में बड़ी भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि 21वीं सदी के भारत में कनेक्टिविटी, देश की प्रगति की गति को निर्धारित करेगी। इसलिए हर स्तर पर कनेक्टिविटी को आधुनिक बनाना ही होगा। इसकी बुनियाद का काम करेंगे आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर का निर्माण, आधुनिक टेक्नोलॉजी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल। 5जी टेक्नोलॉजी भी, देश की गवर्नेंस में, कारोबारी सुगमता इन अनेक विषयों में सकारात्मक बदलाव लाने वाली है। इससे खेती, स्वास्थ्य, शिक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर और लॉजिस्टिक्स, हर सेक्टर में ग्रोथ को बल मिलेगा। इससे सुविधा भी बढ़ेगी और रोजगार के भी नए अवसर बनेंगे। अनुमान है कि आने वाले डेढ़ दशक में 5जी से भारत की अर्थव्यवस्था में 450 अरब डॉलर का योगदान होने वाला है। यानि ये सिर्फ इंटरनेट की गति ही नहीं, बल्कि प्रगति और रोजगार सृजन की गति को भी बढ़ाने वाला है। इसलिए, 5जी तेजी से शुरू किया जाये। इसके लिए सरकार और इंडस्ट्री, दोनों को पहल करने की जरूरत है। इस दशक के अंत तक हम 6जी सर्विस भी लांच कर पाएं। इसके लिए भी हमारी टास्क फोर्स काम करना शुरु कर चुकी है।
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