आज खत्म हो सकता है किसान आंदोलन : सरकार के प्रस्ताव पर किसान संगठनों में सहमति
किसानों पर दर्ज मामले वापस लेने पर भी सरकार मानी
नई दिल्ली। किसान आंदोलन को खत्म करने के लिए केंद्र सरकार की ओर से भेजे गए संशोधित प्रस्ताव पर किसान संगठनों में सहमति बन गई है। अब सरकार की तरफ से इसे मानने के लिए अधिकारिक चिट्ठी भेज दी जाएगी, तो गुरुवार दोपहर 12 बजे फिर मोर्चे की बैठक बुलाकर किसानों की घर वापसी का ऐलान हो जाएगा। मोदी सरकार ने किसान आंदोलन के दौरान अलग-अलग राज्यों में हुई एफआईआर को तुरंत प्रभाव से रद्द करने की बात मान ली है।
एमएसपी पर कमेटी में रहेंगे संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधि
मोदी सरकार और किसान संगठनों के बीच एमएसपी पर बनने वाली कमेटी में भी संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधियों के ही रहने की बात पर भी सहमति बन गई है। वहीं इलेक्ट्रीसिटी बिल पर भी संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधियों से बात के बाद ही सरकार आगे बढ़ेगी। साथ ही मुआवजे पर भी हरियाणा और यूपी तैयार हैं, लेकिन किसानों की मांग है कि पंजाब की तर्ज पर मुआवजा मिले। केंद्र सरकार दिल्ली में हुए मुकदमों को भी वापस लेने को भी तैयार है।
मुआवजा और केस वापसी राज्य सरकार के जिम्मे
किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि सरकार ने जो ड्राफ्ट भेजा था, उसे सर्वसम्मति से पास कर दिया गया है। इस ड्राफ्ट के अनुसार मृतकों को 5 लाख का मुआवजा राज्य सरकार देगी। वहीं, राज्य सरकार ही किसानों पर केस वापस लेगी, अब इसे सरकार को वापस भेजा गया है।
नए ड्राफ्ट पर बनी सहमति
हरियाणा के किसान नेता गुरनाम चढ़ूनी ने कहा कि कल सरकार की तरफ से जो ड्राफ्ट आया था, उस पर हमारी सहमति नहीं बनी थी, हमने उसमें कुछ सुधारों की मांग कर लौटा दिया था, अब सरकार दो कदम और आगे बढ़ी है। उन्होंने कहा कि आज जो ड्राफ्ट आया है, उसको लेकर हमारी सहमति बन गई है, अब सरकार उस ड्राफ्ट पर हमें अधिकारिक चिट्ठी भेजे, इसी पर सबकी सहमति है, जैसी चिट्ठी आएगी, उस पर कल मीटिंग कर फैसला लेंगे, इसके लिए 12 बजे मीटिंग बुला ली गई है, जिसमें अंतिम फैसला लिया जाएगा।
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