केंद्रीय कैबिनेट ने कृषि कानून प्रस्ताव को वापस लेने की दी मंजूरी, शीतकालीन सत्र के पहले सप्ताह में ही वापस लिये जायेंगे तीनों कृषि कानून : ठाकुर

केंद्रीय कैबिनेट ने कृषि कानून प्रस्ताव को वापस लेने की दी मंजूरी,  शीतकालीन सत्र के पहले सप्ताह में ही वापस लिये जायेंगे तीनों कृषि कानून : ठाकुर

संसदीय नियमों और प्रक्रिया के तहत पहले सप्ताह में ही प्राथमिकता के आधार पर यह प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी।

नई दिल्ली।  केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों को वासस लेने के निर्णय को आज मंजूरी दे दी और सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में इन कानूनों को प्राथमिकता के आधार पर वापस लेने की प्रक्रिया पहले सप्ताह में ही शुरू कर देगी। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को यहां हुई मंत्रिमंडल की बैठक में लिये गये फैसलों की जानकारी देते हुए संवाददाता सम्मेलन में कहा कि सरकार ने इन कानूनों को वापस लेने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। प्रधानमंत्री द्वारा गत शुक्रवार को इस संबंध में की गयी घोषणा के बाद मंत्रिमंडल की पहली ही बैठक में इस निर्णय को मंजूरी दे दी गयी है।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) अधिनियम -2020, कृषक (सशक्तीकरण व संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार अधिनियम 2020 और आवश्यक वस्तुएं संशोधन अधिनियम 2020 इन तीनों कानूनों को वापस लेने की घोषणा करते समय सरकार का रूख विस्तार से रखा था और कहा था कि संसद के शीतकालीन सत्र में इसकी संवैधानिक प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि  संसदीय नियमों और प्रक्रिया के तहत पहले सप्ताह में ही प्राथमिकता के आधार पर यह प्रक्रिया शुरू कर दी जायेगी।

उल्लेखनिय है कि मोदी ने गत शुक्रवार को गुरू नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर राष्ट्र के नाम संबोधन में तीनों विवादास्पद कानूनों को वापस लेने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था कि संसद के शीतकालीन सत्र में इससे संबंधित संवैधानिक प्रक्रिया पूरी कर ली जायेगी।  साथ ही उन्होंने इन कानूनों का विरोध करने के लिए दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे किसानों से अपने-अपने घरों और खेतों में वापस लौटने की अपील भी की थी।

गौरतलब है कि इसी साल जनवरी में उच्चतम न्यायालय ने केंद्र और आंदोलनकारियों के बीच बातचीत की प्रक्रिया को सुविधाजनक बनाने के लिए अगले आदेश तक इन कानूनों के कार्यान्वयन पर रोक लगा दी थी। न्यायालय ने भी (एजेंसी) करने के लिए एक समिति का गठन किया था। हालांकि, किसान संघों के नेताओं ने समिति का बहिष्कार किया।

Post Comment

Comment List

Latest News

 आरक्षण की मांग को लेकर लिगांयत समुदाय का प्रदर्शन हुआ हिंसक , पुलिस ने किया लाठीचार्ज आरक्षण की मांग को लेकर लिगांयत समुदाय का प्रदर्शन हुआ हिंसक , पुलिस ने किया लाठीचार्ज
कर्नाटक में पंचमसाली लिगांयत समुदाय का उच्च आरक्षण की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया, जिसके परिणामस्वरूप सुवर्ण...
भजनलाल शर्मा के काफिले में घुसी अन्य कार, हादसे में 3 गाड़ियां क्षतिग्रस्त 
फिल्म देवरा पार्ट 1 ने तोड़ा रिकॉर्ड, नेटफ्लिक्स पर वर्ष की दूसरी सबसे ज्यादा देखी जाने वाली दक्षिण भारतीय फिल्म
25 हजार का ईनामी आरोपी गिरफ्तार, 2 युवकों का अपहरण और एक की कर दी थी हत्या
पत्नी और ससुराल वालों की प्रताड़ना से त्रस्त इंजीनियर ने दी जान, वीडियो में कहा- आरोपी बरी हो जाएं तो गटर में वहा देना मेरी अस्थियां
ट्रैफिक ब्लॉक कार्य स्थगित, रेल यातायात सुचारू
राइजिंग राजस्थान समाप्त, डीएलबी का तैयार नहीं हो सका लैंड बैंक