संसद का मानसून सत्र: विपक्ष के हंगामे के कारण लोकसभा-राज्यसभा की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित
पेगासस जासूसी, महंगाई और किसानों के मुद्दों पर लोकसभा में विपक्षी सदस्यों के भारी हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही सोमवार को दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। 3 बार के स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही चौथी बार 3 बजे जैसे ही शुरू हुई कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वामदल तथा कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्य फिर से नारेबाजी करते हुए पीठासीन अधिकारी रमा देवी के आसन के समक्ष आ गए।
नई दिल्ली। पेगासस जासूसी, महंगाई और किसानों के मुद्दों पर लोकसभा में विपक्षी सदस्यों के भारी हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही सोमवार को दिन भर के लिए स्थगित कर दी गई। 3 बार के स्थगन के बाद सदन की कार्यवाही चौथी बार 3 बजे जैसे ही शुरू हुई कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, वामदल तथा कुछ अन्य विपक्षी दलों के सदस्य फिर से नारेबाजी करते हुए पीठासीन अधिकारी रमा देवी के आसन के समक्ष आ गए। शोर शराबे के बीच ही वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने फेक्टर विनियमन (संशोधन) विधेयक 2020 को विचार और पारित करने के लिए सदन के समक्ष प्रस्तुत किया। संसदीय कार्य मंत्री प्रहलाद जोशी ने शोर शराबा कर रहे विपक्षी सदस्यों से अपील करते हुए कहा कि जनता के पैसों से सदन की कार्यवाही चलती है इसलिए सदन का हर एक मिनट कीमती है। कृपया सदन का महत्वपूर्ण समय बर्बाद मत कीजिए। इस महत्वपूर्ण विधेयक पर चर्चा में भाग लीजिए।
पीठासीन अधिकारी रमा देवी ने भी हंगामा कर रहे सदस्यों से अपनी सीट पर लौट जाने का आग्रह करते हुए कहा कि आप जनता के प्रतिनिधि हैं, कृपया चर्चा में भाग लीजिए। विपक्षी सदस्यों के शोर शराबे के बीच ही देवी ने फेक्टर विनियमन (संशोधन) 2020 और राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी उद्यमिता और प्रबंध संस्थान विधेयक 2021 को बिना चर्चा के ही ध्वनि मत से पारित कर दिया। इसके बाद भी विपक्षी दलों के सदस्य सदन में हंगामा करते हुए कार्यवाही को बाधित करने की कोशिश करते रहे। शोर शराबा बढ़ता देख रमा देवी ने सदन की कार्यवाही को मंगलवार 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया।
इससे पहले लोकसभा में विपक्षी सदस्यों के भारी हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही सोमवार को 3 बजे तक तीसरी बार स्थगित करनी पड़ी। सदन की कार्यवाही 2 बजकर 45 मिनट पर जैसे ही तीसरी बार शुरू हुई तो विपक्षी सदस्यों ने फिर शोर शराबा और हंगामा शुरू कर दिया। पीठासीन अधिकारी रमा देवी ने सदस्यों से कहा कि अपनी सीट पर जाकर वे जनहित के मुद्दों पर चर्चा करें। उन्हें जनता ने यहां अपनी समस्याएं रखने के लिए भेजा है और इस तरह से हंगामा करने से कुछ नहीं होगा लेकिन सदस्यों ने उनकी एक नहीं सुनी तो उन्होंने 2 मिनट के भीतर ही सदन की कार्यवाही 3 बजे तक स्थगित कर दी।
इससे पहले सदन की कार्यवाही सोमवार को 2 बजे दोबारा आरंभ हुई तो विपक्षी सदस्यों ने फिर शोर शराबा और हंगामा शुरू कर दिया, जिसके कारण पीठासीन अधिकारी किरीट सोलंकी ने पौना घंटे के लिए सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी। सोलंकी ने एक बार के स्थगन के बाद 2 बजे जैसे ही सदन की कार्यवाही शुरू की तो विपक्षी सदस्य हाथों में नारे लिखे तख्तियां लेकर सदन के बीचों-बीच आकर नारेबाजी करने लगे। शोर शराबे के बीच ही पीठासीन अधिकारी ने जरूरी कागजात सदन के पटल पर रखवाए। उन्होंने सदस्यों से हंगामा नहीं करने का आग्रह करते हुए कहा कि सदन चर्चा के लिए होता है। सदन में जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की जानी चाहिए। इसलिए सभी सदस्यों को अपनी जगह पर जाकर सदन की चर्चा में हिस्सा लेना चाहिए। लेकिन हंगामा कर रहे सदस्यों ने उनकी एक नहीं सुनी और शोर शराबा करते रहे। हंगामा बढ़ते देख पीठासीन अधिकारी ने दो बजकर 45 मिनट तक सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।
इससे पहले सुबह भी विपक्षी सदस्यों ने अपनी मांगों के समर्थन में सदन की कार्यवाही नहीं चलने दी। अध्यक्ष ओम बिरला ने करगिल के शहीदों को श्रद्धांजलि और टोक्यो ओलंपिक में रजत पदक जीतने वाली मीराबाई चानू को बधाई देने के बाद जैसे ही प्रश्नकाल शुरू किया तो कांग्रेस, वामदल और तृणमूल कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों के सदस्यों ने नारेबाजी शुरू कर दी। वे कथित पेगासस जासूसी की जांच, किसानों के मुद्दे और महंगाई पर सरकार से जवाब की मांग कर रहे थे। शोर-शराबे के बीच ही प्रश्नकाल की कार्यवाही चलती रही। पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री जब पेट्रोल-डीजल की कीमतों से संबंधित एक प्रश्न का उत्तर दे रहे थे तब विपक्षी सदस्यों का शोर बढ़ गया। बिरला ने उनसे कहा कि वे अपनी सीटों पर जाएं। वे सरकार से जवाब चाहते हैं और सरकार जवाब देने के लिए तैयार है। उन्हें सरकार का जवाब सुनना चाहिए। लेकिन जब उनकी अपील का हंगामा कर रहे सदस्यों पर कोई असर नहीं हुआ तो सदन की कार्यवाही दोपहर बाद 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
Comment List