अविश्वास प्रस्ताव पर राज्यसभा में भिड़े पक्ष-विपक्ष, सभापति ने स्थगित की कार्यवाही

धनखड़ ने कहा, नियम 267 के अंतर्गत मिले चार नोटिस को अस्वीकार किया जाता है

अविश्वास प्रस्ताव पर राज्यसभा में भिड़े पक्ष-विपक्ष, सभापति ने स्थगित की कार्यवाही

राज्यसभा में सभापति के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव के संबंध में मीडिया में आयी रिपोर्टों पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्य आपस में भिड़ गए और सदन की कार्यवाही सोमवार तक स्थागित कर दी गयी।

नई दिल्ली। राज्यसभा में सभापति के विरुद्ध अविश्वास प्रस्ताव के संबंध में मीडिया में आयी रिपोर्टों पर सत्ता पक्ष और विपक्ष के सदस्य आपस में भिड़ गए और सदन की कार्यवाही सोमवार तक स्थागित कर दी गयी । सभापति जगदीप धनखड़ ने सुबह सदन की कार्यवाही शुरू करते हुए आवश्यक विधायी दस्तावेज सदन के पटल पर रखवायें। इसके बाद सदन ने मौन खड़े होकर 13 दिसंबर 2001 में संसद पर आतंकवादी हमले के दौरान शहीद जवानों को श्रद्धांजलि दी। धनखड़ ने कहा कि उन्हें नियम 267 के अंतर्गत चार नोटिस मिले हैं, जिन्हें अस्वीकार किया जाता है। इस पर सदन में विपक्ष के सदस्य शोर शराबा करने लगे और जोर-जोर से बोलने लगे। इस बीच भारतीय जनता पार्टी के राधा मोहन दास अग्रवाल ने व्यवस्था पर प्रश्न उठाते हुए कहा कि कांग्रेस संविधान के अनुच्छेदों का उल्लंघन कर रही है। उन्होंने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव देने के बाद 14 दिन का इंतजार करना चाहिए, लेकिन कांग्रेस मीडिया और सोशल मीडिया में आरोप पत्र जारी कर रही है, तथा उपराष्ट्रपति के विरुद्ध आरोपों का लगातार प्रचार कर रही है। उन्होंने कहा कि यह उपराष्ट्रपति पद का अपमान है, कांग्रेस को 14 दिन की प्रतीक्षा करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस संविधान का सम्मान नहीं करती है और ना ही संवैधानिक पदों के लिए उसके पास कोई सम्मान है। भाजपा सदस्य ने कहा कि विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे लगातार सभापति का अपमान करते हैं। खड़गे ने सदन में ऑन रिकॉर्ड कहा है कि वह सभापति की नहीं बल्कि, सोनिया गांधी की बात सुनेंगे । उन्होंने कहा कि 10 जनपथ के निर्देश पर कांग्रेस 10 आरोप जारी कर रही है। कांग्रेस लगातार धनखड़ का अपमान कर रही है। उन्होंने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव में उल्लिखित आरोपों का मीडिया में आना सदन के विशेषाधिकार का हनन है। इसके लिए अविश्वास प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने वाले सभी सदस्यों के विरुद्ध कार्यवाही की जानी चाहिए।

भारतीय जनता पार्टी के सुरेंद्र सिंह नागर ने कहा कि उपराष्ट्रपति के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव किसान और ओबीसी विरोधी है, यह कांग्रेस की किसान विरोधी मानसिकता को दर्शाता है। भाजपा के ही नीरज शेखर ने कहा कि कांग्रेस केवल एक ही परिवार को आगे लाना चाहती है, किसी अन्य का विरोध करती है। कांग्रेस ने चौधरी चरण सिंह को भारत रत्न देने का भी विरोध किया था। भाजपा की किरण चौधरी ने भी अविश्वास प्रस्ताव को किसानों का विरोध बताया। उन्होंने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव लाकर कांग्रेस नौटंकी कर रही है। इस बीच कांग्रेस के सदस्य लगातार बोलते रहे और नारेबाजी करते रहे। कांग्रेस के प्रमोद तिवारी ने एक टिप्पणी की, जिसे सभापति ने रिकॉर्ड में नहीं लेने के निर्देश दिए। धनखड़ ने कहा कि वह देश के लिए मर सकते हैं, लेकिन झुक नहीं सकते। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने संविधान की धज्जियां उड़ा दी हैं। अविश्वास प्रस्ताव पर 14 दिन के बाद निर्णय आएगा । इस बीच तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन और संजय सिंह ने भी जोर-जोर से बोलते हुए टिप्पणियां की। खड़गे ने कहा कि सदन नियमों से चलना चाहिए । इस पर सदन में दोनों ओर से हंगामा होने लगा। सभापति ने कहा कि सदन का चलना राष्ट्र और समाज के हित में है। इसके बाद उन्होंने सदन की कार्यवाही स्थगित करने की घोषणा कर दी। 

 

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