
चुनाव जीतने के बाद अब उनके सामने गठबंधन को बनाए रखने, जनता से किए गए वादों को पूरा करने, जलवायु नीति का नवनिर्माण, महंगाई और अर्थ-व्यवस्था को पटरी पर लाना, यूरोपीय संघ के महत्वाकांक्षी उद्देश्यों को हासिल करना, रूस-यूक्रेन युद्ध दौरान संतुलन को बनाए रखने की चुनौतियां भी मुंह बायें खड़ी हैं।