शहर में अधिकतर जगहों पर बनी डामर की नई सड़कें जरा सी बरसात भी नहीं झेल सकी। जिससे उनमें बड़े-बड़े गड्ढ़े हो गए हैं। नगर विकास न्यास द्वारा स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत शहर में करीब 5 हजार करोड़ रुपए के विकास कार्य करवाए जा रहे हैं।
नगर विकास न्यास द्वारा जिन पशु पालकों के लिए देव नारायण आवासीय योजना बनाई गई है। वहां पशु पालकों को ले जाने में नाकामयाब रहा है। न्यास का पूरा प्रशासनिक अमला लगाने के बाद भी शहर से न बाड़े कम हुए और न ही पशु पालक। अभी भी शहर में सड़कों पर जगह-जगह मवेशियों के झुंड देखे जा रहे हैं।
मानसून में विलम्ब के चलते प्रदेश के अधिकांश बांध खाली पड़े हुए हैं वहीं हाड़ौती के बांधों में चम्बल नदी की मेहरबानी बनी हुई है। ऐेसे में यहां के सभी बांध लबालब हो रहे है।
स्मार्ट सिटी बनने जा रहे कोटा शहर में भले ही 5 हजार करोड़ रुपए के विकास कार्य करवाए जा रहे हैं। लेकिन हालत यह है कि विकास के नाम पर जिस तरह से नगर विकास न्यास व आरयूआईडीपी ने गली-गली में मौत के गड्ढ़े खोदकर छोड़ दिए हैं उसका खामियाजा आमजन को जान गंवाने के रूप में भुगतना पड़ रहा है।
नए कोटा क्षेत्र के टीचर्स कॉलोनी, तलवंडी एंव महावीर नगर तृतीय में आरयूआईडीपी के द्वारा सिवरेज लाईन डालने के कारण खुदी पड़ी सड़कें लोगों के लिए जी का जंजाल बनी हुई है।
प्रदेश में बेटी बचाओं मुहीम को आगे बढ़ाने के लिए सरकार ने प्रदेश में पीसीपीएनडीटी अधिनियम के तहत मुखबिर योजना को अधिक प्रभावी बनाते हुए प्रोत्साहन राशि को ढाई लाख से बढ़ाकर अब तीन लाख रुपए कर दिया । लेकिन कोटा जिले में इसके व्यापक प्रचार प्रसार नहीं होने से मुखबिर योजना में अभी तक एक भी मुखबिर ने लिंग परीक्षण को लेकर चिकित्सा विभाग को कोई सूचना नहीं दी है।
शहर में अवैध खनन करने वालों ने जमीनों को इतना अधिक छलनी कर दिया है कि वहां बड़ी-बड़ी खदाने हो गई हैं। उन खदानों में बरसात का पानी भरने से वे एक बार फिर से जानलेवा साबित होंगी।
कोटा विकास प्राधिकरण के अगले साल तक मूर्त रूप लेने की संभावना है। इसकी प्रक्रिया चल रही है। कोटा में अभी तक नगर विकास न्यास है। वर्ष 1971 में बने न्यास में अभी तक कोटा शहर का ही क्षेत्र शामिल है। लेकिन अब कोटा के विस्तार को देखते हुए यहां कोटा विकास प्राधिकरण बनाया जाएगा।
उच्च शिक्षा विभाग की ओर से राजस्थान के सभी सरकारी विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में नई शिक्षा पॉलीसी लागू किए जाने की तैयारी की जा रही है। पॉलिसी के तहत एमए, एमएससी और एमकॉम पाठ्यक्रम में सेमेस्टर सिस्टम लागू हो सकता है। इसकी प्रकिया चल रही है। सेमेस्टर सिस्टम इसी शिक्षा सत्र 2022-23 में शुरू किए जाने की पूरी तैयारी है।
कोटा में ग्रीन फीेल्ड एयरपोर्ट प्रस्तावित है लेकिन अभी तक तो वह केन्द्र व राज्य सरकार के बीच फुटबॉल बना हुआ है। इसकी धीमी गति को लेकर चल रहे काम के चलते 2024 के चुनाव तक भी इसके मूर्त रूप लेने की संभावना कम नजर आ रही है।
कोटा। शहर के नयापुरा रोडवेज बस स्टैंड पर ही रविवार देर रात 11.30 बजे एक महिला ने बच्ची को जन्म दिया। महिला की हालत बिगड़ी और वह दर्द से करहाने लगी लेकिन वहां मौजूद लोग मूकदर्शक बन देखते रहे।