
तो दिल्ली की सरहदों पर किसान आंदोलन के 100 दिन पूरे हो गए। नवंबर के अंतिम सप्ताह में जब यह आंदोलन शुरू हुआ तो तब शायद ही किसी को यह उम्मीद थी कि यह इतना लंबा चलेगा। लोकतांत्रिक आंदोलनों का इतिहास तो यही कहता है कि आंदोलन होते हैं, थोड़े दिनों में सत्ता या सरकार के साथ आंदोलनकारियों की बातचीत होती है, दोनों पक्ष एक मुद्दे पर सहमत होते हैं और आंदोलन खत्म हो जाता है।