राज्य सरकार ने सरकारी अस्पतालों में सभी तरह की नि:शुल्क जांच व्यवस्था 1 अप्रैल से शुरू कर दी है, लेकिन संसाधन वही है। स्थिति ऐसी है कि मेडिकल कॉलेज में स्थित एक मात्र एमआरआई मशीन पर पूरे जिले के 21 लाख लोग निर्भर है।
सुल्तानपुर नगर के अस्पताल में करीब ढाई माह पूर्व लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला द्वारा 16 लाख रुपए लागत की सोनोग्राफी मशीन लगवा दी गई थी। लेकिन आज भी महिलाओं को उपचार कराने के लिए 40 किलोमीटर दूर कोटा शहर जाना पड़ रहा है। सोनोलॉजिस्ट के अभाव में सोनोग्राफी कक्ष पर ताला लगा हुआ है।
कोटा जिले में राज्य सरकार की मुख्यमंत्री नि:शुल्क जांच आसानी से नहीं हो रही है। यही वजह है कि पहली बार जारी की गई रैंकिंग में कोटा को 31वां स्थान मिला है। कोटा में कुल 78 स्वास्थ्य केंद्र हैं।
लालसोट में महिला चिकित्सक के सुसाइड को लेकर चिकित्सकों का कार्य बहिष्कार गुरुवार को भी जारी रहा। जिसके चलते कोटा शहर में चिकित्सकीय सेवाएं प्रभावित हुई।
लालसोट में प्रसूता की मौत के बाद महिला डॉक्टर के सुसाइड मामले में चिकित्सकों ने धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। कोटा जिले में चिकित्सकों ने चिकित्सकीय सेवाओं का बहिष्कार किया। सभी सरकारी अस्पतालों की ओपीडी दो घन्टे सुबह 9 बजे से 11 बजे तक बन्द रखी गई।
न्यू मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक और इको मशीन स्थापित कर दी है। इसका ट्रायल भी कर लिया है। पहले दिन दो लोगों पर ट्रायल कर चेक किया। मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बुधवार से सेवाएं प्रारंभ हो जाएगी।