गुकेश ने तीसरी बाजी जीत कर लिरेन पर मानसिक बढ़त बनाई

गुकेश को शुरुआती मुकाबले में करना पड़ा था हार का सामना

गुकेश ने तीसरी बाजी जीत कर लिरेन पर मानसिक बढ़त बनाई

भारतीय ग्रैंडमास्टर गुकेश टूर्नामेंट की अपनी पहली जीत का जश्न मनाने जा रहा थे, तभी उन्हें अपने जश्न को मजबूरी में रोकना पड़ा।

नई दिल्ली। भारत के युवा शतरंज खिलाड़ी डी गुकेश ने विश्व शतरंज चैम्पियनशिप में एक दिन के विश्राम के बाद शुक्रवार को चौथी बाजी के लिए जब चीन के डिंग लिरेन के खिलाफ चुनौती पेश करेंगे तो 14 बाजियों वाले इस मुकाबले की तीसरी बाजी में मिली जीत से उनका मनोबल बढ़ा हुआ होगा। 18 साल के गुकेश ने तीसरे दौर में शानदार प्रदर्शन करते हुए इस चैम्पियनशिप की अपनी पहली जीत दर्ज की। क्लासिक टाइम कंट्रोल के तहत खेली जा रही चैंपियनशिप में अभी 11 मुकाबले बचे हुए हैं। गुकेश को शुरुआती मुकाबले में हार का सामना करना पड़ा था, जबकि दूसरा मुकाबला ड्रॉ रहा था। तीन बाजियों के बाद दोनों खिलाड़ियों के समान डेढ़-डेढ़ अंक हैं।

डोप परीक्षण के लिए बुलाया

भारतीय ग्रैंडमास्टर गुकेश टूर्नामेंट की अपनी पहली जीत का जश्न मनाने जा रहा थे, तभी उन्हें अपने जश्न को मजबूरी में रोकना पड़ा। ग्रैंडमास्टर और मेडिकल प्रोफेशनल झाओ जोंग युआन जो कि एक डोपिंग रोधी परीक्षण के लिए प्रभारी अधिकारी नियुक्त किए गए हैं, ने 18 वर्षीय गुकेश को बुला लिया और उन्हें परीक्षण के लिए ले गए। हालांकि  गुकेश ने अपना संयम बनाए रखा और स्थिति को शालीनता के साथ संभाला। डिंग लिरेन को भी कुछ ही समय बाद उसी प्रक्रिया से गुजरना पड़ा।

ऐसे होता है एंटी डोपिंग परीक्षण
इस प्रक्रिया में किसी भी प्रतिबंधित पदार्थों की जांच के लिए जैविक नमूने एकत्र करना शामिल है जो मानसिक ध्यान, सहनशक्ति या प्रतिक्रिया समय को गलत तरीके से बढ़ा सकते हैं। फिडे की डोपिंग रोधी परीक्षण नीति में खिलाड़ियों को मूत्र के नमूने जमा कराने होते हैं। 

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