बॉर्डर इलाकों में बीआरओ तैयार कर रहा सड़क नेटवर्क, ब्रिज से 70 टन वजनी अर्जुन टैंक भी कर सकेगा आवाजाही
निर्माणाधीन कार्यों का अवलोकन किया
पीआईबी जयपुर के नेतृत्व में अरुणाचल प्रदेश के दौरे पर आए दल ने आलो शहर में बीआरओ के निर्माणाधीन कार्यों का अवलोकन किया।
अरुणाचल प्रदेश। चीन, पाकिस्तान, म्यांमार, भूटान, बर्मा, नेपाल से लगती भारत की सीमाओं पर तीव्र गति से सड़क नेटवर्क तैयार किया जा रहा है ताकि किसी भी तरह की विशेष परिस्थितियों में सशस्त्र बलों की सुगम आवाजाही हो सके। इन देशों से लगते राज्यों में सीमा सड़क संगठन की ओर से 18 प्रोजेक्ट्स हाथ में लिए है, जिन पर काम चल रहा है। पीआईबी जयपुर के नेतृत्व में अरुणाचल प्रदेश के दौरे पर आए दल ने आलो शहर में बीआरओ के निर्माणाधीन कार्यों का अवलोकन किया।
पहले 40 टन बेस के आधार पर बन रहे थे ब्रिज
सीमावर्ती राज्यों में रोड नेटवर्क के साथ ब्रिज की डिजाइन भी बदली गई है ताकि सबसे अधिक वजनी अर्जुन टैंक भी आसानी से आवाजाही कर सके। इन ब्रिज को अर्जुन टैंक के 70 टन वजन के हिसाब से तैयार किया जा रहा है। ये 140 फीट लंबे है, जिनमें दस फीट पर एक स्पाइन है। इनकी 30 साल की लाइफ है, उसके बाद मेंटिनेंस जरूर है। अभी तक 40 टन बेस तक ही सेना का टैंक इन ब्रिज से गुजर सकता है।
ब्रह्मांक परियोजना के तहत कई प्रोजेक्ट्स पर काम
अरुणाचल प्रदेश में ब्रह्मांक परियोजना के तहत बीआरओ का कई प्रोजेक्ट्स पर काम जारी है। सीमा सड़क संगठन के ब्रह्मांक परियोजना चीफ इंजीनियर सुभाष चंद लुनिया ने अरुणचल प्रदेश के आलो शहर में मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि ब्रह्मांक परियोजना स्थापना से लेकर तक कुल 17 सड़कों का निर्माण कार्य पूर्ण हुआ है जिसकी कुल लम्बाई 496 किमी है।
इसके साथ-साथ 42 स्थायी पुलों एवं 11 मड्यूलर पुलों का भी निर्माण कार्य पूर्ण हुआ है। सियांग नदी के पूर्व और पश्चिम तटों को जोड़ने के लिए यिंकियोंग के पास 386 मीटर लम्बा गांधी पुल निमार्णाधीन है। सियोम पुल का निर्माण 180 दिनों के रिकार्ड समय में पूर्ण कर यातायात के लिए खोल दिया गया, जो कि हमारे परियोजना के विशेष उपलब्धि है। ब्रह्मांक परियोजना विगत कई वर्षों से मौसम के अनुकूल एवं प्रतिकूल परिष्थितियों में भी हमेशा सड़कों/पुलों के निर्माण में अग्रसर रहा है। यह परियोजना सैनिको के साथ-साथ जनता के लिए हर मौसम में कनेक्टिविटी प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
बीआरओ का दुगुना हुआ बजट
पड़ोसी देशों से लगते राज्यों में सड़कों के बुनियादी विकास और रखरखाव करने की गतिविधियों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता संभालने के बाद गति आई है। 2014 के बाद सीमा सड़क संगठन की ओर से देश के विभिन्न राज्यों में किए जा रहे कार्यों का बजट भी पहले की बजाय बढ़ाकर दुगना कर दिया गया है।
बीआरओ की अब तक की उपलब्धियां
लुनिया ने बताया कि बीआरओ ने 2008 से लेकर आज तक 6 सुरंग, 62, 474 किलोमीटर सड़कें, 1005 पुल, 21 हवाई का निर्माण किया है। 13 हजार फीट की ऊंचाई पर देश की सबसे ऊंची सुरंग बनाई है। साथ ही अरुणाचल प्रदेश को एक छोर से दूसरे छोर को जोड़ने के लिए ट्रांस प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। यह 16 जिलों से होकर निकलेगा, जिसकी लंबाई 2407 किलोमीटर है। बीआरओ के पास 41 हजार का मैन पावर है।
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