डूंगरपुर घूसकांड: दोनों थानाप्रभारियों ने एसपी जोशी के नाम पर ली थी घूस
एसीबी ने एफआईआर में नामजद कर एसपी की भूमिका मानी संदिग्ध थानाप्रभारियों व दो कांस्टेबल के बीच के दलाल की तलाश जारी
डूंगरपुर में शराब ठेकेदारों के एक ग्रुप से लाखों रुपए की बंधी लेने वाले दो कांस्टेबल और दो थानाप्रभारियों के अलावा एक दलाल सुनील कुमार की भी अहम भूमिका थी, जो अभी फरार है और एसीबी टीम इसकी तलाश में जुटी है।
जयपुर। डूंगरपुर में शराब ठेकेदारों के एक ग्रुप से लाखों रुपए की बंधी लेने वाले दो कांस्टेबल और दो थानाप्रभारियों के अलावा एक दलाल सुनील कुमार की भी अहम भूमिका थी, जो अभी फरार है और एसीबी टीम इसकी तलाश में जुटी है। एसीबी की ओर से दर्ज एफआईआर में डूंगरपुर एसपी सुधीर जोशी का नाम भी शामिल है और उनकी भूमिका को संदिग्ध माना है। एफआईआर में लिखा है कि दोनों थानाप्रभारियों ने एसपी के नाम से घूस मांगी थी और प्राप्त की थी। एफआईआर में अन्य की भूमिका को संदिग्ध मानते हुए जांच शुरू की है। एफआईआर उदयपुर एसीबी इकाई के उपअधीक्षक पुलिस परमेश्वर लाल ने दर्ज कराई है। एसीबी ने कुल 8.30 लाख रुपए जब्त किए हैं। उदयपुर रेंज आईजी हिंगलाजदान की भूमिका का एफआईआर में जिक्र नहीं है।
व्हाट्सएप स्क्रीनशॉट से हुई पुष्टि
एसीबी ने दी रिपोर्ट में लिखा है कि जब टीम ने 15 जून, 2022 को सत्यापन किया तो परिवादी और थानाप्रभारी दिलीप दान व भैयालाल आंजना तथा दलाल सुनील कुमार के बीच बातचीत हुई। इसमें पुलिस अधीक्षक सुधीर जोशी से आरोपी दिलीप दान ने बात की। परिवादी ने बातचीत के बारे में बताया कि आरोपी दिलीप दान ने पुलिस अधीक्षक से बात करने के बाद ही उससे ढाई लाख रुपए की रिश्वत लेने पर सहमति जताई थी। दिलीप दान और एसपी के बीच हुई वार्ता की पुष्टि आरोपी के मोबाइल के व्हाट्सएप स्क्रीनशॉट से हुई है।
दलाल ने मांगे चार लाख रुपए
थानाप्रभारी भैयालाल आंजना के लिए बिचौलिए के तौर पर संदिग्ध सुनील कुमार ने चार लाख रुपए की घूस मांग की थी। इसका खुलासा 15 जून को एसीबी टीम के सत्यापन के दौरान हुआ है। इस दिन परिवादी और सुनील कुमार तथा सुनील कुमार के मोबाइल के व्हाट्सएप कॉल पर आरोपी भैयालाल आंजना से बातचीत में खुलासा हुआ है।
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