महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव : असली-नकली शिवसेना, एनीसीपी की लड़ाई
ये चुनाव महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं
दोनों पार्टियों के दो फाड़ होने के बाद हो रहे ये पहले विधानसभा चुनाव उद्धव ठाकरे, शरद पवार और अजित पवार के लिए भी महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं।
मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति और एमवीए दोनों ही गठबंधनों में शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) हैं। असली-नकली शिवसेना और एनसीपी की लड़ाई के लिहाज से भी ये चुनाव महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं। दो गठबंधनों की फाइट में नजरें शिवसेना और दोनों एनसीपी के प्रदर्शन पर टिकी हैं। दोनों पार्टियों के दो फाड़ होने के बाद हो रहे ये पहले विधानसभा चुनाव उद्धव ठाकरे, शरद पवार और अजित पवार के लिए भी महत्वपूर्ण माने जा रहे हैं।
असली-नकली शिवसेना और एनसीपी की लड़ाई
उद्धव ठाकरे अपनी शिवसेना (यूबीटी) को असली शिवसेना बताते हैं तो वहीं एकनाथ शिंदे अपनी शिवसेना को। कुछ ऐसी ही कहानी एनसीपी की भी है। एनसीपी के नाम-निशान की लड़ाई में शरद पवार को मात देने के बाद अजित पवार अपनी पार्टी को असली एनसीपी बताते हैं। ये चुनाव एक तरह से इस बात का जनमत परीक्षण भी माने जा रहे हैं कि जनता किसकी पार्टी को असली मानती है। जनता शिंदे की पार्टी को असली शिवसेना मानती है या उद्धव ठाकरे की पार्टी को, अजित की पार्टी को असली मानती है या शरद पवार की पार्टी को। असली-नकली की इस फाइट में सबकी नजरें उन सीटों पर भी टिकी हैं, जहां मुकाबला इन्हीं दलों के दो धड़ों के बीच है। शिवसेना के दोनों धड़े 49 सीटों पर आमने-सामने हैं तो वहीं 38 सीटों पर मुकाबला एनसीपी बनाम एनसीपी है। शिवसेना की फाइट वाली 49 में से 12 सीटें मुंबई महानगर की हैं। मुंबई की सीटों पर शिवसेना का वर्चस्व माना जाता रहा है। एनसीपी की बात करें तो शरद पवार और अजित पवार की अगुवाई वाली पार्टियां जिन सीटों पर आमने-सामने हैं, उनमें से ज्यादातर सीटें पश्चिम महाराष्ट्र की हैं। पश्चिम महाराष्ट्र को एनसीपी का गढ़ माना जाता है।
लोकसभा चुनाव में कैसे रहे थे नतीजे
दो दलों से निकली इन चार पार्टियों की पहली चुनावी परीक्षा हुई थी। अजित पवार की पार्टी ने चार सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और केवल एक सीट ही जीत सकी थी। वहीं, शरद पवार की अगुवाई वाली एनसीपी को आठ सीटों पर जीत मिली थी। शरद पवार की पार्टी ने 10 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे। शिवसेना की बात करें तो दोनों दलों के उम्मीदवार 13 सीटों पर आमने-सामने थे। इन 13 सीटों पर दोनों दलों के बीच कांटे का मुकाबला देखने को मिला था। तब उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली शिवसेना (यूबीटी) छह और एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना सात सीटों पर विजयी रही थी।
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