प्रदेश के सभी 218 राजकीय ITI में सोलर पावर प्लांट लगाने की योजना, मुख्यमंत्री ने स्वीकृत किए 15 करोड़ रुपए
प्रदेश के सभी 218 राजकीय आईटीआई में लगभग 5527 किलोवाट क्षमता के सोलर पावर प्लांट लगाने की योजना प्रस्तावित है। यह कार्य राजस्थान इलेक्ट्रॉनिक एण्ड इन्स्ट्रूमेंट्स लिमिटेड (रील) के माध्यम से कैपेक्स मॉडल के तहत कराए जाएंगे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसके लिए आरसीवीईटी के फंड से 15 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की है।
जयपुर। प्रदेश के सभी 218 राजकीय आईटीआई में लगभग 5527 किलोवाट क्षमता के सोलर पावर प्लांट लगाने की योजना प्रस्तावित है। यह कार्य राजस्थान इलेक्ट्रॉनिक एण्ड इन्स्ट्रूमेंट्स लिमिटेड (रील) के माध्यम से कैपेक्स मॉडल के तहत कराए जाएंगे। शुरुआत में 50 प्रतिशत संस्थानों में सोलर प्लांट लगाकर इनसे प्राप्त ऊर्जा के उपभोग से संस्थान के विद्युत व्यय में बचत का विश्लेषण कर शेष संस्थानों में भी संयंत्र लगाए जाएंगे। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसके लिए आरसीवीईटी के फंड से 15 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की है।
स्वीकृत प्रस्ताव के अनुसार कौशल नियोजन एवं उद्यमिता विभाग द्वारा इन नए सोलर प्लांट्स का आईटीआई के विद्यार्थियों के लिए सौर ऊर्जा से संबंधित कोर्स के लिए प्रशिक्षण सुविधा के रूप में उपयोग किया जाएगा। जिन आईटीआई संस्थानों में सोलर पावर प्लांट्स लगाए जाएंगे, वहां विभाग द्वारा परम्परागत विद्युत उपभोग में मासिक, त्रैमासिक और वार्षिक आधार पर बचत का तथ्यात्मक विश्लेषण करवाया जाएगा। इसमें प्लांट की स्थापना के लिए राशि का निवेश तथा वार्षिक रख-रखाव एवं साफ-सफाई का खर्च संबंधित राजकीय संस्थान अथवा विभाग द्वारा किया जाता है। प्लांट की स्थापना के बाद संस्थान में उपभोग से शेष रही बिजली का विद्युत वितरण कंपनी द्वारा निर्धारित दर पर क्रय किया जाता है। ऐसे में संबंधित आईटीआई को वर्ष में लगभग 70 से 100 दिन के शैक्षणिक अवकाश की अवधि में बिजली के खर्च में हुई बचत से अतिरिक्त पैसा मिल सकता है।
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